Bhai Dooj 2022: प्रयागराज में दिखी भाई दूज के त्योहार की धूम, बहनों ने भाइयों की उतारी आरती, ऐसे की लंबी उम्र की कामना
Bhai Dooj 2022: मान्यता है भैया दूज पर जो भाई यमुना में डुबकी लगाने के बाद अपनी बहन के घर जाकर उसे खुश करता है, उसे न तो अकाल मौत का सामना करना पड़ता है और ना ही नरक की यातना भुगतनी पड़ती है.
Bhai Dooj 2022: देशभर में भाई-बहनों के आपसी प्रायर और स्नेह का प्रतीक त्योहार भाई दूज (Bhai Dood) मनाया जा रहा है. इस अवसर पर बहनें अपने भाई के लिए लंबी उम्र की कामना कर रही है. संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में भी इस त्योहार को पूरी आस्था और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. इस मौके पर बहनें टीका और अक्षत लगाकर भाइयों की आरती उतार रही हैं, उन्हें अपने हाथों से मिठाई व खीर खिलाकर उनकी लम्बी उम्र व सलामती की कामना कर रही हैं तो भाई भी उन्हें खुश करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं और बहनों को स्नेह व आशीर्वाद के साथ ही तोहफे भी दे रहे हैं.
भाई दूज पर यमुना नदी में आस्था की डुबकी
परम्पराओं के मुताबिक भाई-बहन इस ख़ास मौके पर एक साथ मिलकर यमुना नदी में आस्था की डुबकी भी लगा रहे हैं. सुबह से ही यहां बड़ी संख्या में लोगों के आने का तांता लगा हुआ है. लोग यमुना नदी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. मान्यता है कि भैया दूज पर जो भी भाई यमुना में डुबकी लगाने के बाद अपनी बहन के घर जाकर उसे खुश करता है, उसे न तो अकाल मौत का सामना करना पड़ता है और ना ही नरक की यातना भुगतनी पड़ती है. यमुना और यमराज की कथा जुड़ी होने से भैया दूज को यम द्वितीया के नाम से भी मनाया जाता है.
जानिए यमुना नदी में स्नान का महत्व
संगम नगरी प्रयागराज में यमुना नदी के साथ ही पूरे यम परिवार की मौजूदगी की वजह से यहां भैया दूज का विशेष महत्व है. इस मौके पर यहां यमुना के घाटों पर स्नान करने वालों की काफी भीड़ होती है और भव्य मेला भी लगता है. आज भी यहां सुबह से ही यमुना के विभिन्न घाटों पर हज़ारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. हालांकि इस बार भैया दूज का त्यौहार 2 दिनों तक मनाया गया है. भैया दूज के त्यौहार के साथ ही दीपावली पर पड़ने वाले पंच पर्व का समापन भी हो जाता है.
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