Prayagraj News: प्रयागराज में अवैध निर्माण पर चले बुलडोजर, 300 करोड़ से ज्यादा की जमीन हुई खाली
प्रयागराज में बुलडोजर कार्रवाई लगातार जारी है. इसी कड़ी में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बुधवार को अवैध रूप से बनाए गए तकरीबन साढ़े तीन सौ निर्माणों को बुलडोजरों के जरिए जमींदोज कर दिया.
UP News: अवैध निर्माणों के खिलाफ यूपी में योगी सरकार का बुलडोजर (Bulldozer) लगातार रफ्तार पकड़ता जा रहा है. प्रयागराज (Prayagraj) में यह कार्रवाई लगातार जारी है. इसी कड़ी में प्रयागराज विकास प्राधिकरण (Prayagraj Development Authority) ने बुधवार को अवैध रूप से बनाए गए तकरीबन साढ़े तीन सौ निर्माणों को बुलडोजरों के जरिए जमींदोज कर दिया. प्रयागराज के सदर बाजार इलाके के सराय भीखी गांव में सरकारी अमले ने 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की जमीन पर अवैध तरीके से की गई प्लाटिंग को खाली कराया है.
यह कार्रवाई कई घंटों तक चलाए गए अभियान में अंजाम दी गई. इस दौरान आधा दर्जन की संख्या में सरकारी बुलडोजर अवैध निर्माणों को गिराते रहे. हालांकि ज्यादातर अर्ध निर्मित या निर्माणाधीन मकान ही थे. आज की कार्यवाही के दौरान तीन अवैध निर्माणों को सील भी किया गया.
क्या था मामला
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी सरकारी बुलडोजर तेजी से गरज रहा है. दूसरे कार्यकाल में भी प्रयागराज में तेजी से कार्रवाइयों को अंजाम दिया जा रहा है. इसी कड़ी में प्रयागराज में गंगा की कछार में अवैध तरीके से की जा रही प्लाटिंग पर भी सरकारी अमले की नजर टेढ़ी हो गई है. सराय भीखी में तमाम लोगों ने खेती की जमीन जमीनों पर अवैध तरीके से प्लाटिंग कर इसे मुंहमांगी कीमतों पर लोगों को बेच दिया था. तमाम लोगों ने इस पर अपने सपनों का आशियाना बनाना भी शुरू कर दिया था. तमाम परिवार इन मकानों में रहने भी लगे थे.
क्या बोला प्रशासन
विकास प्राधिकरण जिला प्रशासन और पुलिस की साझा टीम ने बुधवार को यहां अभियान चलाकर इन अवैध निर्माणों को गिरा दिया. बुलडोजर गरजते ही कई लोगों ने ऐतराजज जताया, लेकिन बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के चलते उनका यह विरोध देर तक टिक नहीं सका. प्रयागराज विकास प्राधिकरण के ओएसडी और जोनल अफसर आलोक कुमार पांडेय के मुताबिक इनमें से कुछ जमीने सरकारी थी. जिन्हें लोगों को खेती के लिए पट्टे पर दिया गया था. कुछ लोगों की निजी जमीन थी, लेकिन उन पर मकान बनवाने के लिए विकास प्राधिकरण से मंजूरी नहीं ली गई थी. गंगा का कचहरी इलाका होने की वजह से यहां वैसे भी किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकता था. हाईकोर्ट ने इन जगहों पर निर्माण पर रोक लगा रखी है. उनके मुताबिक आज तकरीबन डेढ़ सौ बीघा जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया गया है. इस तरीके का अभियान लगातार आगे भी जारी रहेगा.
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