Har Ghar Tiranga: स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ आज़ादी के अमृत महोत्सव (Amrit Mahotsav) के तौर पर पूरे देश में उत्साह के साथ मनाई जा रही है. इस ख़ास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से घर-घर तिरंगा (Ghar Ghar Tiranga) झंडा लगाए जाने की अपील की ही है. इसके साथ ही सभी बड़ी सियासी पार्टियों ने भी तिरंगा यात्राएं निकालने और जगह-जगह राष्ट्रीय ध्वज लगाकर देश को तिरंगे में रंग देने का आह्वान किया है. हालांकि सियासी पार्टियों की इस अपील का उनकी पार्टियों के दफ्तरों पर ही न के बराबर असर दिख रहा है. देश में सियासत का केंद्र बिंदु कही जाने वाली संगम नगरी प्रयागराज में तो ऐसा ही दिख रहा है.
'हर घर तिरंगा' का रियलिटी चेक
प्रयागराज में एबीपी चैनल के रियलिटी चेक में तमाम सियासी पार्टियां फेल नजर आईं. समाजवादी पार्टी को छोड़कर बाकी पार्टियों के दफ्तर की बिल्डिंग आज बारह अगस्त को भी सूनी नज़र आईं. पार्टियों के दफ्तरों पर उनके अपने झंडे तो लहरा रहे हैं, लेकिन तिरंगा नदारद है. यहां बीएसपी और आम आदमी पार्टी के दफ्तर भी सूने हैं. तो वहीं दूसरी तरफ खुद को देश की आज़ादी का अगुवाकार बताने वाली कांग्रेस पार्टी और अपने को सबसे बड़ा राष्ट्रवादी बताने वाली बीजेपी के दफ्तर पर भी तिरंगा नहीं लहरा है.
कांग्रेस के दफ्तर से नदारद दिखा तिरंगा
प्रयागराज में नेहरू-गांधी परिवार का पैतृक आवास आनंद भवन भी तिरंगे से महरूम है. प्रयागराज में सियासी दफ्तरों पर तिरंगे की पड़ताल करने हम सबसे पहले देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के दफ्तर पर पहुंचे. शहर के ज़ीरो रोड पर बस स्टैंड के ठीक सामने स्थित यह दफ्तर जिला कमेटी का है. यहां हमें कहीं भी तिरंगा लहराता नज़र नहीं आया. प्रयागराज का आनंद भवन नेहरू गांधी परिवार का पैतृक आवास कहा जाता है. आनंद भवन को आज़ादी की लड़ाई का केंद्र बिंदु भी कहा जाता है. मोतीलाल नेहरू, जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के जीवन का बड़ा हिस्सा यहीं बीता है. इंदिरा का जन्म और उनका विवाह इसी आनंद भवन में हुआ था. यहां भी बिल्डिंग पर कोई तिरंगा नहीं लगाया गया है. बाहरी गेट पर एक छोटी सी झंडी ज़रूर लगी थी, लेकिन उसे हमारे सामने पहुंचे एक पर्यटक ने बांध दिया था.
सपा दफ्तर पर दिखी तिरंगे की शान
इसके बाद हम शहर के मम्फोर्डगंज इलाके में स्थित बहुजन समाज पार्टी के दफ्तर पर पहुंचे. यह पार्टी का मंडलीय कार्यालय है. यहीं जिले व महानगर की कमेटियां भी काम करती हैं. मायावती ने भी अपने कार्यकर्ताओं का आह्वान कर रखा है, लेकिन प्रयागराज के इस दफ्तर में भी तिरंगा नहीं लगा हुआ है. सपा की जिला इकाई का दफ्तर शहर के जार्ज टाउन इलाके में है. इस दफ्तर की छत पर ही राष्ट्रीय ध्वज भी शान से लहराता हुआ नज़र आया. यहां पार्टी नेता राम मूरत उर्फ़ नाटे चौधरी ने बताया कि उनकी पार्टी ने सिर्फ अपने दफ्तर पर ही तिरंगा नहीं लगा रखा है, बल्कि गांवों और गलियों में जाकर वहां लोगों को तिरंगा बांटा भी जा रहा है.
आम आदमी पार्टी ने भी नहीं लगाया तिरंगा
अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी का दफ्तर शहर के सिविल लाइंस इलाके में एक कामर्शियल बिल्डिंग में है. बिल्डिंग में तिरंगे की बात छोड़िये, खुद पार्टी का कोई साइन बोर्ड भी नहीं दिखा. ये दफ्तर कई साल पुराना है. पार्टी नेताओं का दावा है कि पिछले दिनों आई आंधी में बोर्ड उखाड़कर गिर गया था.
बीजेपी दफ्तर पर दिखा ये नजारा
सबसे आखिर में हम देश ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहलाने वाली बीजेपी के दफ्तर पर पहुंचे. शहर के सिविल लाइंस इलाके के इस दफ्तर में महानगर के साथ ही गंगापार और यमुनापार यानी तीन जिलों का काम होता है. बेशक प्रयागराज समेत समूचे देश में तिरंगा यात्राएं निकालने और सबसे ज़्यादा तिरंगा बांटने का काम बीजेपी ही कर रही है, लेकिन तीन जिलों के इस दफ्तर में चिराग तले अंधेरा वाली कहावत नज़र आई. बीजपी दफ्तर पर पार्टी का तीन झंडा लगा हुआ था, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज कहीं नज़र नहीं आया.
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