Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में बाढ़ का पानी हटने के बाद हालात अब सामान्य हो रहे हैं. हालांकि नदियों में आई बाढ़ (Flood) तो खत्म हो गई है, लेकिन लोगों के मुसीबतों की बाढ़ खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. प्रयागराज में हालात सामान्य होने के बावजूद बाढ़ प्रभावित इलाकों में गंदगी और कीचड़ की बाढ़ लोगों को परेशान कर रही है. बाढ़ प्रभावित तमाम इलाकों में ना तो ठीक से सफाई हो रही है और ना ही ब्लीचिंग का छिड़काव किया जा रहा है. इससे लोगों में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है.
  

 

बाढ़ का पानी उतरा गंदगी ने बढ़ाई मुश्किलें

बाढ़ प्रभावित इलाकों में गंदगी की वजह से मक्खियों और मच्छरों की भरमार हो गई है. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम सफाई को लेकर बड़े-बड़े दावे तो कर रहा है, लेकिन उसके यह दावे कागजों पर ज्यादा और हकीकत में कम नजर आ रहे हैं. इससे लोग परेशान हैं. बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग अपने घरों की सफाई तो खुद कर ले रहे हैं, लेकिन सड़कों-गलियों व खुले मैदानों में अब भी गंदगी जस की तस कायम है. संगम और आसपास के इलाके की सड़कों पर तो इतनी गंदगी व कीचड़ मौजूद है कि वहां चलना कतई आसान नहीं है. लोग गंदगी के बीच ही जीवन बिताने को मजबूर हैं और अपनी जान जोखिम में डालकर फिसलन भरी सड़कों पर व गलियों में चल रहे हैं.

 

जगह-जगह कीचड़ और गंदगी जमा

प्रयागराज में रिहायशी बस्तियों को छोड़िए, संगम किनारे स्थित लेटे हुए हनुमान जी मंदिर के बाहरी कैंपस और उसके आसपास के रास्तों पर इतनी गंदगी जमा है कि वहां दुर्गंध की वजह से खड़ा होना भी मुश्किल है. हालांकि नगर निगम की टीम ने यहां दो दिनों तक काम किया है लेकिन यह व्यवस्था फिलहाल नाकाफी साबित होती दिखाई दे रही है. 


 

प्रयागराज के डीएम ने कही ये बात

प्रयागराज के डीएम संजय कुमार खत्री का कहना है कि बाढ़ की वजह से जिले में 128 मोहल्ले और गांव प्रभावित थे. 40,000 से ज्यादा की आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई थी. हालांकि शहर की रिहायशी बस्तियों व गांवों से बाढ़ का पानी पूरी तरह हट चुका है. कई सरकारी विभाग इन जगहों पर साफ सफाई के काम में लगे हुए हैं. चौबीसों घंटे युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है. मातहतों को जरूरी हिदायत दी गई है, हालांकि उनके यह दावे ग्राउंड ज़ीरो पर कम ही नजर आ रहे हैं. 

कहा जा सकता है कि अगर जल्द ही युद्ध स्तर पर काम शुरू नहीं किया गया तो प्रयागराज के लोगों को आने वाले दिनों में संक्रामक बीमारियों से जूझना पड़ सकता है. लोगों ने भी सरकारी इंतजामों को नाकाफी बताया है और जरूरी कदम उठाए जाने की मांग की है. 

 

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