Prayagraj News: प्रयागराज में बाढ़ के पानी में समाए कई शमशान घाट, सड़कों पर चिताएं जलाने को मजबूर हुए लोग
Prayagraj Flood: प्रयागराज में गंगा-यमुना में आई बाढ़ ने लोगों को बेहाल कर दिया है. बाढ़ का पानी अब तमाम रिहाइशी बस्तियों व गांवों में दाखिल होने लगा है. कई सड़कें व रास्ते बाढ़ के पानी में समा गए हैं.
Prayagraj Flood: संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में गंगा (Ganga) और यमुना (Yamuna) दोनों ही नदियों में आई बाढ़ अब लोगों के लिए बड़ी मुसीबत का सबब बनती जा रही है. बाढ़ (Flood) का पानी अब तमाम रिहाइशी बस्तियों व गांवों में दाखिल होने लगा है. कई सड़कें व रास्ते बाढ़ के पानी में समा गए हैं. हज़ारों की संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं. जलस्तर (Water Level) लगातार बढ़ने से लोगों की मुसीबतें भी बढ़ती जा रही हैं.
शमशान घाट में भरा बाढ़ का पानी
प्रयागराज में गंगा-यमुना नदी में आई बाढ़ का असर सिर्फ जिंदा लोगों पर ही नहीं बल्कि उन लोगों पर भी पड़ रहा है जो इस दुनिया में नहीं है. प्रयागराज में आई बाढ़ की वजह से जिले के ज्यादातर शमशान घाट गहरे पानी में डूब गए हैं. हालत ये है कि यहां पर अब नावें चल रही हैं. ऐसे में लोग मजबूरी में अपनों का सड़क पर ही दाह संस्कार करने को मजबूर हो गए हैं. यहीं पर अंतिम संस्कार की रस्म अदायगी की जा रही है. लोग सड़क पर सजी चिता में अपनों को मुखाग्नि देने और उनका अंतिम संस्कार करने को मजबूर हैं. यही नहीं इसकी वजह से सड़क किनारे रिहायशी बस्तियों के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन कुदरत की मार के आगे हर कोई बेबस है.
सड़कों पर अंतिम संस्कार को मजबूर लोग
धार्मिक मान्यताओं की वजह से प्रयागराज के दारागंज इलाके में गंगा किनारे स्थित तमाम घाटों पर यूपी के कई जिलों समेत मध्य प्रदेश समेत दूसरे राज्यों के लोग भी अंतिम संस्कार करने के लिए आते हैं. दारागंज के सभी घाट बाढ़ के पानी में डूबने के बाद अब यहां सड़कों पर चिताएं धधक रही हैं. सड़कों पर आपको कई जगहों पर आपको चिताएं जलती हुई नज़र आएंगी.
कई गांवों से कटा संपर्क
प्रयागराज में गंगा और यमुना दोनों ही नदियों का जलस्तर आज भी तीन से चार सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से बढ़ रहा है. हालांकि जलस्तर बढ़ने की रफ़्तार कुछ कम ज़रूर हुई है, लेकिन पानी लगातार बढ़ता ही जा रहा है. दोनों नदियां अभी खतरे के निशान से तकरीबन दो मीटर नीचे हैं. इसके बावजूद गंगा किनारे के कई इलाके बाढ़ के पानी में समाने लगे हैं. सबसे ज़्यादा प्रभावित संगम और आस पास का इलाका है. यहां तमाम सड़कें व रास्ते बाढ़ के पानी में समा गए हैं. कई गांवों का संपर्क बाहरी दुनिया से कट गया है.
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डीएम ने कहा हालात पर है पूरी नजर
लगातार बढ़ते जलस्तर के मद्देनज़र सरकारी अमला अपनी नज़र बनाए हुआ है. कमिश्नर और डीएम के साथ ही तमाम दूसरे अधिकारी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं और मातहतों को ज़रूरी हिदायत दे रहे हैं. सरकारी अमले ने सभी एहतियाती कदम उठाए जाने का दावा किया है. कई बाढ़ राहत चौकियां और राहत शिविर खोल दिए गए हैं. डीएम संजय खत्री के मुताबिक़ पीड़ित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी.
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