प्रयागराज: उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने प्रयागराज, प्रतापगढ़, कौशांबी और आसपास के जिलों में ऑयल टैंकरों से पेट्रोल पंपों पर मिलावट के लिए सॉल्वेंट की आपूर्ति करने वाले गिरोह के सरगना समेत चार लोगों को बुधवार को गिरफ्तार किया. इस दौरान एक टैंकर, 11,500 लीटर सॉल्वेंट एवं 1,95,000 रुपये बरामद किया गया.
राजकुमार पहले भी जेल जा चुका है
पुलिस उपाधीक्षक (एसटीएफ) नवेंदु कुमार ने बताया कि एसटीएफ की टीम ने यह गिरफ्तारी प्रतापगढ़ के फतनपुर स्थित मां विंध्यवासिनी ऑटोमोबाइल पेट्रोल पंप (एस्सार) पर की. उन्होंने बताया कि एसटीएफ की प्रयागराज फील्ड इकाई के निरीक्षक केशव चंद्र राय के नेतृत्व में एसटीएफ की टीम ने अभियुक्त राजकुमार जायसवाल, विपिन मिश्रा, अंकित भार्मा और बरमदीन को गिरफ्तार किया. गिरोह का सरगना राजकुमार जायसवाल वर्ष 2000 में भी पेट्रोल डीजल के अवैध धंधे में शामिल होने के आरोप में जेल जा चुका है.
जेल से रिहा होने के बाद फिर से इस धंधे को शुरू किया
कुमार ने बताया कि राजकुमार ने जेल से रिहा होने के बाद नए सिरे से इस धंधे को शुरू किया. वह रायबरेली की एककैप मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के संचालक नरेश अग्रवाल और उसके पोते प्रणव अग्रवाल के संपर्क में आया. नरेश अग्रवाल और प्रणव अग्रवाल अपनी केमिकल कंपनी की आड़ में पेट्रोल और डीजल में मिलावट के काम आने वाले सॉल्वेंट का अवैध धंधा करते थे. राजकुमार ने इन्हीं दोनों से सॉल्वेंट की खरीद की.
उन्होंने बताया कि राजकुमार 50-55 रुपये प्रति लीटर के भाव पर सॉल्वेंट खरीदकर उसे पेट्रोल पंप के संचालकों को 60-65 रुपये प्रति लीटर के भाव पर बेचता था. दिलचस्प है कि बुधवार को ही सोशल मीडिया पर राजकुमार जायसवाल का अपहरण होने की गलत सूचना वायरल हुई थी.
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