Prayagraj: क्या सदी के महानायक को आज मिलेगा जीवन का सबसे बड़ा तोहफा? गवर्नर के दौरे से चर्चाओं का बाजार गर्म
Prayagraj News: यूपी की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल आज शाम 5 बजे उस बंगले को देखने जाएंगी, जहां प्रयागराज में अमिताभ बच्चन का बचपन बीता था. इस बंगले में उनका परिवार किराए पर रहता था.
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश की गवर्नर आनंदीबेन पटेल (Anandiben Patel) आज संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में है. वो यहां कई कार्यक्रमों में शामिल होंगी, लेकिन शाम 5 बजे वो उस बंगले को देखने जाएंगी, जहां पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का बचपन बीता था. ये बंगला प्रयागराज के सिविल लाइंस इलाके के क्लाइव रोड पर स्थित है. अमिताभ बच्चन बचपन में पिता हरिवंश राय बच्चन (Harivansh Rai Bachchan) समेत परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ इसी बंगले में किराए पर रहते थे. गवर्नर आनंदीबेन पटेल इस बंगले को ना सिर्फ बाहर से देखेंगी, बल्कि तकरीबन आधे घंटे का वक्त भी यहां बिताएंगी.
इन दिनों इस बंगले में कोई नहीं रहता है और यहां ताला लगा रहता है, लेकिन गवर्नर की विजिट के मद्देनजर बंगले को न सिर्फ खुलवाया गया है, बल्कि इसकी साफ-सफाई भी कराई जा रही है. गवर्नर आनंदीबेन पटेल के पहुंचने से पहले सरकारी अमला इस बंगले को चमकाने में जुटा हुआ है.
इस बंगले में गुजरा अमिताभ बच्चन का बचपन
अमिताभ बच्चन ने इसी बंगले में रहते हुए प्रयागराज के ब्वायज हाई स्कूल से आठवीं क्लास तक की पढ़ाई की थी. 1984 में जब वो इलाहाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे, तब भी इस बंगले में कई बार आए थे. इस बंगले का जिक्र वह अब भी तमाम इंटरव्यू व लेख में करते रहते हैं. अपने चर्चित शो कौन बनेगा करोड़पति में भी उन्होंने कई बार इस बंगले का जिक्र किया है. अमिताभ बच्चन इसे फूलों वाला बंगला कहकर बुलाते रहे हैं. इस बंगले से सदी के महानायक को किस तरह कदर लगाव है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने कई बार इसे मुंहमांगी कीमत पर खरीदने की पेशकश की थी, लेकिन बंगले के मालिक और इटावा के रहने वाले पूर्व सांसद स्वर्गीय श्री शंकर तिवारी इसे कभी बेचने को राजी नहीं हुए थे.
अमिताभ के बेटे अभिषेक बच्चन पांच साल पहले 5 अगस्त 2017 को जब पत्नी ऐश्वर्या राय और बेटी आराध्या के साथ अपने ससुर की अस्थियों को प्रयागराज के संगम में विसर्जित करने के लिए आए थे, तो वह लोग इस बंगले को देखने के लिए यहां पहुंचे थे, हालांकि बंगले में ताला लगा होने की वजह से वो अंदर नहीं जा पाए थे और उन्हें बाहर से ही मायूस होकर वापस जाना पड़ा था. अभिषेक और ऐश्वर्या ने बाहर से इस बंगले के साथ अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर भी की थी.
बंगले से अमिताभ का खास लगाव
बंगले में गेट नंबर एक से दाखिल होने पर बाई तरफ जो हिस्सा है, उसके शुरुआती तीन कमरों में ही अमिताभ बच्चन और उनका परिवार रहता था. बंगले के इस हिस्से में अब भी अमिताभ और उनके पिता हरिवंश राय बच्चन के साथ ही बंगले के मालिक रहे पूर्व सांसद श्री शंकर तिवारी की तस्वीरें रखी हुई हैं. अमिताभ के बचपन की कुछ कुर्सियां व दूसरे सामान भी अभी इस हिस्से में रखे हुए हैं. अमिताभ बच्चन जब बचपन में इस बंगले में रहते थे तो वहां उसमें तमाम तरीके के फूल लगाए गए थे. अमिताभ भी बचपन में यहां लगे फूलों व पौधों की देखरेख किया करते थे. उनकी वजह से ही तमाम लोग इसे फूलों वाला बंगला कहने लगे थे.
आनंदीबेन पटेल के दौरे से लगे कयास
गवर्नर आनंदीबेन पटेल इस बंगले में किस मकसद से आ रही हैं, फिलहाल यह साफ नहीं है. बंद पड़े बंगले को प्रशासन द्वारा खुलवाए जाने और सिर्फ उसी हिस्से में साफ सफाई कराए जाने जिसमें अमिताभ बच्चन बचपन में रहते थे, कई सवालों को जन्म दे रहा है. अमिताभ बच्चन को लेकर इन दिनों वैसे भी सियासत गर्म है. अमिताभ की पत्नी जया बच्चन समाजवादी पार्टी की सांसद हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले दिनों सदी के महानायक को भारत रत्न सम्मान से नवाजे जाने की मांग उठा चुकी हैं.
ऐसे में यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल द्वारा अमिताभ बच्चन की जन्मस्थली प्रयागराज में आकर उनके बचपन के बंगले को खास तौर पर खुलवाना और वहां आधे घंटे का वक्त बिताना अपने आप में न सिर्फ कई सवाल खड़े कर रहा है, बल्कि इस विजिट ने तमाम कयासों और संभावनाओं को भी जन्म दिया है.
यूपी सरकार ले सकती है बड़ा फैसला
माना जा रहा है कि यूपी सरकार अमिताभ बच्चन को बेहद पसंद इस बंगले को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला कर सकती है. उसे खरीद कर या फिर अधिग्रहित कर उसे सदी के महानायक को तोहफे के तौर पर दे सकती है या फिर अमिताभ या उनके पिता हरिवंश राय बच्चन के नाम पर कोई स्मारक या म्यूजियम भी बनवा सकती है. अगर ऐसा होता है तो सदी के महानायक की मुंह मांगी मुराद पूरी हो सकती है. गवर्नर आनंदीबेन पटेल को कभी नेहरू-गांधी परिवार के पैतृक आवास रहे आनंद भवन की विजिट भी करना है. आनंद भवन में इन दिनों म्यूजियम बना हुआ है और रोजाना हजारों की संख्या में लोग उसे देखने जाते हैं.