(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Prayagraj Namaz Controversy: सामूहिक नमाज मामले में एबीपी गंगा की खबर का असर, रेलवे और जीआरपी ने दिए जांच के आदेश
Prayagraj Namaz Controversy: प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर सामूहिक नमाज़ मामले को लेकर सरकारी अमला हरकत में आ गया. रेलवे और जीआरपी ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं.
Prayagraj Namaz Controversy: यूपी के प्रयागराज (Prayagraj) में रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर सामूहिक तौर पर नमाज़ (Namaz) पढ़े जाने के मामले में एबीपी गंगा चैनल की खबर का बड़ा असर हुआ है. चैनल पर खबर दिखाए जाने के बाद इस मामले को लेकर सरकारी अमला हरकत में आ गया. रेलवे और जीआरपी ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं. अफसरों का कहना है इस मामले में जांच के बाद ही आगे कोई कदम उठाया जाएगा. वहीं हिन्दू संगठनों ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है.
हिन्दू संगठनों ने जताई आपत्ति
रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में सामूहिक तौर पर नमाज़ पढ़े जाने का मामला सामने आने के बाद हिंदू संगठनों में नाराजगी देखने को मिल रही है. संगठनों से जुड़े लोगों ने इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने की अपील की है. हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों का कहना है कि पहले लखनऊ के लुलु मॉल और अब उसके बाद प्रयागराज के रेलवे स्टेशन पर इस तरह से नमाज पढ़ने की घटनाओं से साफ है जानबूझकर एक समुदाय विशेष की भावनाओं से खिलवाड़ करने की कोशिश की जा रही है. यह काम साजिश के तहत किया जा रहा है. हिंदू संगठन से जुड़े हुए डॉ श्याम प्रकाश द्विवेदी और प्रवीण कुमार दुबे ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई किए जाने की मांग की है.
जीआरपी एसपी ने कही ये बात
प्रयागराज जंक्शन रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित स्लीपर क्लास के वेटिंग रूम में रेलवे पुलिस की कस्टडी में सामूहिक तौर पर नमाज़ पढ़े जाने के मामले में जीआरपी के एसपी सिद्धार्थ मीणा का कहना है कि जांच सीओ जीआरपी को सौंपी गई है. उनसे जल्द से जल्द जांच पूरी कर रिपोर्ट देने को कहा गया है. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. उनके मुताबिक इस मामले में किसी ने भी अब तक शिकायत दर्ज नहीं कराई है. अगर कोई शिकायत दर्ज कराता है तो केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
मामले को संज्ञान में लिया
दूसरी तरफ नार्थ सेंट्रल रेलवे जोन के सीपीआरओ डॉक्टर शिवम शर्मा ने कहा कि इस मामले में संज्ञान लिया गया है. रेलवे पुलिस इस मामले में जांच कर रही है. जांच के आधार पर ही कुछ कहा जा सकता है. उनके मुताबिक यह कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला है. आरोपी भी जीआरपी की ही कस्टडी में थे. ऐसे में किसी तरह की कार्रवाई जीआरपी यानी राजकीय रेलवे पुलिस को ही करनी है. वैसे रेलवे और जीआरपी दोनों ही इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से सीधे तौर पर पल्ला झाड़ते हुए गेंद एक दूसरे के पाले में डालने की कोशिश में लगे हुए हैं. हालांकि रेलवे और जीआरपी दोनों के अफसरों का दावा है कि इस मामले में नियमों के मुताबिक कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
जानिए क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि प्रयागराज में कल चाइल्ड वेलफेयर कमेटी यानी सीडब्ल्यूसी को इस बात की सूचना दी गई गई बिहार के कुछ बच्चों को अवैध तरीके से महानंदा एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए कहीं ले जाया जा रहा है. इस सूचना पर जीआरपी और आरपीएफ ने ट्रेन के प्रयागराज पहुंचने पर बच्चों के साथ ही उन्हें ले जाने वाले आरोपितों को अपनी कस्टडी में ले लिया. सभी को स्लीपर क्लास के वेटिंग रूम में रखा गया था. इस दौरान बच्चों को साथ ले जाने वाले मदरसे के टीचर व दूसरे लोगों ने स्लीपर क्लास के वेटिंग रूम में सामूहिक तौर पर नमाज अदा की.
वेटिंग रूम में नमाज तीन बार अदा की गई. इस दौरान जीआरपी और आरपीएफ के खाकी वर्दी वाले वहां मौजूद थे, लेकिन किसी ने भी उन्हें रोकने के कोशिश नहीं की. रेलवे स्टेशन के वेटिंग रूम में कस्टडी में लिए गए लोगों द्वारा सामूहिक तौर पर नमाज़ पढ़े जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है.
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