Lucknow News: लखनऊ यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में राजनाथ सिंह बोले - 'सीना ठोंककर कहिए आप सुरक्षित हैं'
Lucknow News: रक्षा मंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह तीन दिवसीय प्रवास पर लखनऊ पहुंचे. जहां उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. इसके बाद वो हनुमान सेतु मंदिर पहुंचे और पूजा की.
Lucknow News: रक्षा मंत्री व लखनऊ (Lucknow) के सांसद राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) तीन दिवसीय प्रवास पर लखनऊ पहुंचे. जहां उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी (Lucknow University) के समाज कार्य विभाग के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित स्व. प्रमिला श्रीवास्तव फाउंडेशन के कार्यक्रम में शिरकत की. इसके बाद वो हनुमान सेतु मंदिर (Hanuman Setu Temple) पहुंचे और उन्होंने बजरंगबली के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके साथ डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) भी उपस्थित रहे. राजनाथ सिंह हनुमान सेतु मंदिर में करीब 25 मिनट रुके.
यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में पहुंचे राजनाथ
लखनऊ यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यक्रम में राजनाथ सिंह ने कहा कि "मैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या जो जवान देश की रक्षा में शहीद हुए उनके संस्मरण के कार्यक्रमों में जाता हूं तो खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूं." राजनाथ ने अशफाक उल्ला खां की शहादत को याद किया और कहा कि महात्मा गांधी दृढ़ इच्छा शक्ति के धनी थे. आजादी तो हमको हासिल हो गई लेकिन स्वतंत्रता सेनानियों की हसरत सिर्फ यही नहीं थी. वो चाहते थे कि भारत सशक्त, समृद्ध और स्वाभिमानी बने. भारत अब कमजोर भारत नहीं रहा, भारत को यदि कोई चोट करने की कोशिश करेगा तो उसे जवाब देगा.
भारत की जमीन पर किसी का कब्जा नहीं
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत ने कभी किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया है. अब भारत मजबूत है, देश पर कोई गलत नज़र नहीं डाल सकता. हमारे सेना के जवानों पर हमें भरोसा है. उरी पर हमारे देश के जवानों ने एयर स्ट्राइक कर उनकी धरती पर जाकर जवाब दिया. हमें अपने देश के जवानों और सेना पर गर्व करना चाहिए. देश को पूरी तरह से आश्वस्त करना चाहता हूं सीना ठोक के कहिए आप सब सुरक्षित हैं.
महंगाई को लेकर विपक्ष को जवाब
रक्षामंत्री ने इस दौरान महंगाई को लेकर भी बात की और कहा कि महंगाई केवल भारत में नहीं कोविड के बाद पूरी दुनिया में बढ़ी है. भारत की साख दुनिया में बढ़ी हैं. विरोध करने वालों की जुबान रोकी नही जा सकती है, स्वस्थ लोकतंत्र में बोलने भी देना चाहिए. इंटरनेशनल फोरम पर आज अगर कोई कुछ बोलता है तो कान खोल के लोग सुनते हैं. पहले ऐसा नहीं होता था. आज अगर सौ पैसा सरकार भेजती तो गांवों तक पूरा सौ पैसा पहुंचता है. जैसा भारत आज बन रहा है हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी यही भारत चाहते थे.
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