UP Police: उत्तर प्रदेश के रामपुर में 6 अप्रैल 2021 को शराब कारोबारी के साथ मुठभेड़ हुई थी. जिसमें अब खुलासा हुआ है कि डीआईजी रेंज की जांच फर्जी है. जिसके बाद रामपुर के तत्कालीन एसपी आई पी एस शगुन गौतम और 23 पुलिस वालों पर अब कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. इन पुलिस वालों पर आरोप है की इन्होंने एक कारोबारी को उसके घर से उठा कर पहले उस से दस लाख रूपये लिए और फिर मांग और बढ़ा दी जब कारोबारी इन्हें और रूपये नहीं दे सका तो इन्होने फर्जी पुलिस मुठभेड़ दिखा कर कारोबारी को जेल भेज दिया था.
पीड़ित ने सीएम से की शिकायत
दरअसल, जेल से जमानत पर बाहर आने के बाद पीड़ित कारोबारी ने सीसीटीवी फूटेज और कॉल डिटेल सहित कई सबूत देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर शिकायत की जिसके बाद शासन स्तर से जांच के आदेश हुए और जांच डीआईजी रेंज मुरादाबाद शलभ माथुर को दी गयी. सूत्रों के मुताबिक डी आई जी की जांच में आरोप सही पाए गए जिसके बाद उन्होंने जांच रिपोर्ट शासन को भेजते हुए विभागीय कार्रवाई की संस्तुति की है. अब फर्जी मुठभेड़ मामले में आईपीएस शगुन गौतम और 23 पुलिस वालों पर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. आईपीएस शगुन गौतम अभी प्रयागराज में एसपी विजिलेंस के पद पर तैनात बताए जाते हैं .
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32 लाख की शराब हुई थी बरामद
रामपुर पुलिस ने छह अप्रैल 2021 को दावा किया था कि मिलक थाना क्षेत्र में शराब तस्करों से मुठभेड़ हुई है. पुलिस ने शराब से भरा कैंटर भी पकड़ा था. जिस में 32 लाख रुपये की शराब भरी थी. पुलिस का दावा था कि मौके से राहुल कुमार निवासी बर्तन बाजार बंशीपाना थाना सिविल लाइंस जनपद भिवानी हरियाणा, संजीव गुप्ता निवासी मोहल्ला कृष्णा विहार कालोनी ज्वालानगर थाना सिविल लाइंस रामपुर, राजीव कुमार निवासी मोहल्ला मक्का मिल कालोनी थाना सिविल लाइंस रामपुर, मनोहर लाल निवासी ग्राम चुरैला थाना बहेड़ी जनपद बरेली, अमन भाटिया निवासी मोहल्ला चादर वाला बाग थाना कोतवाली रामपुर को गिरफ्तार किया गया था, जेल से रिहा होने के बाद संजीव गुप्ता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी इसमें उन्होंने सभी साक्ष्य पेश करते हुए आरोप लगाया था कि तत्कालीन एसपी शगुन गौतम के इशारे पर उन्हें झूठा फंसाया गया था और उनसे दस लाख रुपये भी ले लिए गए थे और बाद फर्जी मुठभेड़ में गिरफ्तार दिखाकर बंद किया गया था. शासन के आदेश पर डीआईजी रेंज मुरादाबाद शलभ माथुर ने जांच की और शिकायत करने वाले संजीव गुप्ता समेत अन्य लोगों के साथ ही पुलिस कर्मियों के भी बयान दर्ज किए गए.
आरोपी पुलिसकर्मी पर कार्रवाई की सिफारिश
संजीव गुप्ता ने बताया कि एसओजी प्रभारी ने अपनी टीम के साथ दो दिन पहले ही उन्हें घर से उठाया था और इस बात के समर्थन में उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी उपलब्ध कराई है. इतना ही नहीं पीड़ित कारोबारी संजीव गुप्ता ने तत्कालीन एसपी रामपुर शगुन गौतम और अन्य पुलिस वालों के नम्बरों की कॉल डिटेल भी सबूत के तौर पर दी थी. कारोबारी ने बताया की पुलिस वाले एसपी शगुन गौतम के आदेश पर दो दिन तक उसे पीटते रहे और दस लाख रूपये घर से मंगवा लिए फिर भी नहीं छोड़ा बल्कि तीसरे दिन उसे शराब तस्करों के गिरोह में झूठे मुकदमे में जेल भेज दिया था. हाईकोर्ट से जमानत मिलने के मिलने के बाद जेल से छूटने पर उसने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आप बीती सुनाई और सबूत के साथ लिखित शिकायत की जिसके बाद शासन स्तर से जांच के आदेश हुए. सूत्रों के मुताबिक जांच में तत्कालीन एसपी शगुन गौतम और उस समय के एसओजी प्रभारी और उनकी टीम सहित थाना मिलक के कई पुलिस वाले फर्जी मुठभेड़ में फंस गये हैं डीआईजी रेंज मुरादाबाद शलभ माथुर ने अपनी जांच में आरोप सही पाए हैं और इन पुलिस वालों पर विभागीय कार्रवाई की सिफारिश कर दी है.
क्या कहा डीआईजी शलभ माथुर ने?
मुरादाबाद रेंज के डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि जांच में पुलिस पर लगाए गए आरोप सही पाए गए हैं. इस मामले में पुलिस ने सही से कार्रवाई नहीं की कारोबारी द्वारा लगाये गये आरोप सही पाए गए हैं. रामपुर के तत्कालीन एसपी शगुन गौतम समेत 24 पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. इसके अलावा विस्तृत जांच के लिए एसपी रामपुर को आदेश दिए गए हैं.
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