गोण्डा: उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में 'वन डिस्ट्रकस वन प्रोडक्ट'योजना के तहत मक्के की खेती पूरे साल की जाती है. यहां पर किसान मक्का उगा कर मुनाफा कमाते हैं. इसके लिए सरकार किसानों को 50 फीसदी के अनुदान पर बीज उपलब्ध कराती है. अपनी फसल को पैदा कर लेवी पर सरकारी मूल का पैसा लेकर मुनाफा कमाते हैं. किसानों का कहना है उन्हें मक्के की खेती करने में फायदा है. जिले में एक फूड प्रोसेसिंग प्लांट भी लगवाया जा रहा है. किसानों का कहना है कि जो प्लांट लगने वाला है, उससे उन्हें फायदा होगा.
क्या कहना है किसानों का
किसानों ने बताया है कि फसल का उत्पादन तो कर लेते हैं. फसल उत्पादन से मिलने वाले लाभ की वजह किसानों ने सरकार द्वारा चलाई गई योजनाओं को बताया है. फिलहाल फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगने के बाद गोण्डा के साथ-साथ आसपास के जिलों को भी फायदा होगा. कुछ और जिलों में भी मक्के की खेती होती है. भारत सरकार की ओर से भारत मैच प्रोड्यूसर फाउंडेशन सीएससी सेंटर प्लांट गुना में बनाया जा रहा है. इसकी कीमत लगभग 10 करोड़ रुपये है. इस प्लांट के तैयार हो जाने से मक्के की खेती करने वाले किसानों को फायदा होगा, क्योंकि मक्के से संबंधित उत्पाद को प्लांट में प्रॉसेस किया जाएगा.
कितनी लागत है फू़ प्रॉसेसिंग प्लांट की
वहीं, इस पूरे मामले पर जिला कृषि अधिकारी जगदीश यादव ने बताया कि जनपद गोण्डा में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट में दलहन और मक्का दो फसल को लिया गया है. खास तौर से जो मक्का है, वह खरीफ की फसल है. जिले में भारी पैमाने पर मक्के की पैदावार होती है. जिले में करीब 53 हजार हेक्टेयर जमीन पर मक्के की खेती की जाती है. यह खेती पूरे साल होती है. जिले में दलहन का उत्पादन भी सही होता है. जिले में 20 हजार हेक्टेयर जमीन पर दलहन पैदा किया जाता है. सरकार किसानों को 50 प्रतिशत के अनुदान पर बीज उपलब्ध कराती है. वहीं किसान मक्का क्रय केंद्र पर अपनी फसल को बेचकर मुनाफा कमाते हैं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा फूड प्रोसेसिंग प्लांट यहां लगाया जा रहा है.उन्होंने बताया कि यह बहुत बड़ी यूनिट है. इसके बन जाने के बाद से मक्के की खेती करने वाले किसानों को बहुत लाभ होगा. इस प्लांट में मक्के से जुड़े उत्पाद तैयार किए जाएंगे.
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