Lucknow News: उत्तर प्रदेश शहरी विकास विभाग ने एसओपी यानि मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure) जारी की है, जिससे संबंधित नगर निगम के साथ एक पालतू जानवर के रूप में विदेशी कुत्ते की नस्ल को 'पंजीकृत' करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके लिए संबंधित नगर निगम द्वारा हर जिले में एबीसी या पशु जन्म नियंत्रण केंद्र (Animal Birth Control Centre) खोले जाएंगे. यह 'एनिमल बर्थ कंट्रोल डॉग्स रूल्स ऑफ 2001' शीर्षक वाले सरकारी आदेश और शहरों में कुत्तों के काटने के मामलों में हालिया वृद्धि के मद्देनजर है.
दरअसल, कुत्ते के काटने के मामले में, लोगों को रेबीज के अनुबंध की संभावना होती है. इसलिए लोगों की सुरक्षा के लिए यह रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है. प्रमुख सचिव शहरी विकास अमृत अभिजात (Amrit Abhijat) ने बताया, "एसओपी के तहत पंजीकृत होने के बाद मालिकों को विभाग की ओर से टीकाकरण का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. हालांकि देसी नस्ल के निराश्रित कुत्तों को अपनाने का विकल्प चुनने वाले लोग अपने पालतू जानवरों के लिए पहला टीकाकरण मुफ्त में करा सकेंगे''.
क्या है वजह?
अमृत अभिजात ने बताया कि यह देश में आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए 2015 के सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) के आदेश के अनुसार है. उन्होंने आगे बताया कि,"कई कुत्तों के मालिक अपने कुत्तों का टीकाकरण नहीं कराते हैं. इसलिए, कुत्ते के काटने के मामले में, लोगों को रेबीज के अनुबंध की संभावना होती है. इसलिए, निवासियों की सुरक्षा के लिए, ये एसओपी (Standard Operating Procedure) बहुत महत्वपूर्ण हैं. इसी के साथ मालिकों को विभाग की ओर से टीकाकरण का प्रमाण पत्र दिया जाएगा. इसके अलावा संबंधित नगर निगम द्वारा हर जिले में पशु जन्म नियंत्रण केंद्र खोले जाएंगे''.
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