(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नवरात्र की वजह से नहीं रोके जा सकते दूसरे समुदायों के धार्मिक आयोजन- इलाहाबाद हाईकोर्ट
आस्ताने आलिया सकलैनिया शराफतिया कमेटी ने बरेली जिला प्रशासन के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
UP News: यूपी के बरेली जिले में सूफी संत सकलैन मियां के उर्स के आयोजन की अनुमति को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश जारी किया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि नवरात्र के त्यौहार की वजह से किसी दूसरे समुदाय को उसका धार्मिक आयोजन करने से कतई रोका नहीं जा सकता. हाईकोर्ट ने बरेली जिला प्रशासन द्वारा उर्स की अनुमति देने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया है और सिटी मजिस्ट्रेट को को नए सिरे से आदेश पारित करने को कहा है.
हाईकोर्ट ने इस मामले में जिला प्रशासन के आदेश को रद्द करते हुए तल्ख टिप्पणी भी की है. अदालत ने कहा कि सिटी मजिस्ट्रेट का फैसला तर्कसंगत नहीं है और इसे बिना विचार किए जल्दबाजी में पारित किया गया है. हाईकोर्ट ने बरेली जिला प्रशासन के आदेश को मनमाना मानते हुए उसे रद्द कर दिया है. मामले की सुनवाई जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह और जस्टिस विपिन चंद्र दीक्षित की डिवीजन बेंच में हुई.
गौरतलब है कि सकलैन मियां सूफी विद्वान और संत थे. उनका निधन पिछले साल 20 अक्टूबर को हुआ था. देशभर में लाखों की संख्या में उनके अनुयायी थे. सूफी परंपरा के मुताबिक उनका पहला सालाना उर्स 8 और 9 अक्टूबर को मनाए जाने का फैसला किया गया था. इसके लिए बरेली जिला प्रशासन से अनुमति मांगी गई थी. सिटी मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए अनुमति देने से इंकार कर दिया था कि इन दोनों नवरात्र का त्यौहार चल रहा है. कई जगहों पर रामलीला व दुर्गा पूजा के आयोजन होते हैं.
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आस्ताने आलिया सकलैनिया शराफतिया कमेटी ने बरेली जिला प्रशासन के इस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. कहा गया किउर्स का आयोजन शांतिपूर्वक तरीके से होना है. कमेटी हलफनामे के जरिए लिखित तौर पर भी इसे देने को तैयार है. हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द कर दिया है और उन्हें नए सिरे से आदेश पारित करने को कहा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से उर्स के आयोजन का रास्ता अब साफ हो गया है.