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Aligarh Muslim University में पढ़ाया जाएगा सनातन धर्म, पाकिस्तानी स्कॉलर की किताबें हटाने के बाद बड़ा फैसला
Aligarh Muslim University: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सिलेबस से पाकिस्तानी इस्लामिक स्कॉलर की किताबें हटने के बाद इस्लामिक स्टडीज विभाग ने छात्रों को सनातन धर्म की पढ़ाई करवाने का फैसला किया है.

इस्लामिक विभाग में सनातन धर्म की पढ़ाई
Aligarh Muslim University: पाकिस्तान (Pakistan) के इस्लामिक स्कॉलर अबुल आला मौदूदी की किताबों को अपने सिलेबस से हटाने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का इस्लामिक स्टडीज विभाग अब छात्रों को सनातन धर्म की पढ़ाई करवाएगा. विभाग की ओर से ये कोर्स पोस्ट ग्रेजुएशन में शुरू किया जा रहा है. कोर्स का उद्देश्य सभी मजहबों की बारीकियों को सिखाना है. पिछले दिनों इस्लामिक स्टडीज विभाग में पाकिस्तान के स्कॉलर मौदूदी के विचार पढ़ाने को लेकर 20 से ज्यादा शिक्षाविदों ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी, जिसके बाद विवादों से बचने के लिए विभाग ने मौदूदी और सैय्यद कुतुब की किताबों को सिलेबस से हटा दिया था.
इस्लामिक स्टडीज विभाग में सनातन धर्म की पढ़ाई
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पीआरओ उमर सलीम पीरजादा ने बताया कि सनातन धर्म को 50 साल से हमारे यहां एएमयू में थियोलॉजी विभाग पढ़ा रहा है. इस बार इस्लामिक स्टडीज विभाग ने भी इस कोर्स को अमल में लाने के लिए कोशिश शुरू कर दी है और बहुत जल्दी एमए के कोर्स में इसको बहुत मुमकिन है कि शुरू कर दिया जाएगा. ये एक अच्छी मिसाल है क्योंकि यहां पर हर धर्म, हर जाति, हर वेश के छात्र पढ़ते हैं और यह एक आवासीय विश्वविद्यालय हैं. सर सैयद अहमद खान ने ये पहल की थी कि आपको दूसरे मजहब का भी इज्जत करनी चाहिए. ये देश के लिए बेहतर चीज होगी.
जानिए- क्या कहते हैं जानकार
इस्लामिक स्टडीज विभाग में सनातन धर्म कोर्स को शुरू करने को लेकर थियोलॉजी विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर मुफ्ती जाहिद अली खान ने ही सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि इस्लामिक स्टडीज का धर्म से उस तरह कोई ताल्लुक नहीं है जैसा कि थियोलॉजी में हुआ करता है. थियोलॉजी एक धर्म होता है और वहां धर्म का अध्ययन होता है. यहां धर्म का अध्ययन नहीं होता यहां उसके इतिहास का अध्ययन होता है. इस विभाग में इस्लाम का मुताला होता है. जहां तक सनातन धर्म का ताल्लुक है जिसको हम लोग समझते हैं कि इसका असल नाम वैदिक धर्म है या शाश्वत धर्म है, सनातन धर्म उसकी एक शाखा है.
अलग विभाग बनाए जाने की मांग
मुफ्ती जाहिद ने कहा कि अगर सनातन धर्म आएगा तो आर्य समाज आएगा प्रार्थना समाज आएगा और इसके साथ-साथ ब्रह्म समाज वगैरह भी आएगा. तो हम समझते हैं कि जो पढ़ाया जा रहा है उसके पढ़ाने की जरूरत नहीं है. इस्लामिक स्टडीज का यह काम नहीं है बल्कि अलग से एक ऐसा विभाग होना चाहिए. जैसे संस्कृत के अंदर पाली और बुद्ध पढ़ाया जाता है. इसलिए हिन्दू धर्म के लिए अलग से एक विभाग होना चाहिए. इसका नाम वैदिक धर्म होना चाहिए.
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नयन कुमार झाराजनीतिक विश्लेषक
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