Gorakhpur Agnipath Row: अग्निपथ योजना को लेकर देश में चल रहे बवाल के बीच गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इस बीच पूर्वोत्तर रेलवे से चलने वाली 32 ट्रेनें सोमवार को निरस्त की गई हैं. अग्निपथ योजना के खिलाफ हो रहे उग्र प्रदर्शन की वजह से सर्वाधिक नुकसान रेलवे को उठाना पड़ा है. कई जगहों पर प्रदर्शन के दौरान ट्रेन के इंजन और बोगियों को जलाने की घटना सामने आई जिसके बाद आरपीएफ और जीआरपी के आलाधिकारी स्टेशन पर गश्त कर रहे हैं. तो वहीं स्टेशन पर भी सन्नाटा पसरा हुआ दिखाई दे रहा है.
सुरक्षा को लेकर मुस्तैद रेलवे प्रशासन
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में रेलवे प्रशासन सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद दिखाई दे रहा है. रेलवे स्टेशन पर जहां सन्नाटा पसरा हुआ है. तो वहीं आरपीएफ और जीआरपी के जवान पूरी मुस्तैदी के साथ अग्निपथ का विरोध करने वालों पर नजर बनाए हुए हैं. रेलवे की संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान उपद्रवियों और अराजक तत्वों द्वारा न पहुंचाया जा सके, इसके लिए जीआरपी और आरपीएफ के जवान गश्त कर रहे हैं. रेलवे पुलिस सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रख रही है.
गश्त पर रहे आलाधिकारी
एसपी रेलवे अवधेश सिंह ने बताया कि गोरखपुर रेलवे स्टेशन की सुरक्षा को लेकर पुलिस के आलाधिकारी और जवान तैनात हैं. पूरी मुस्तैदी के साथ आरपीएफ और जीआरपी के जवान गश्त कर रहे हैं. सभी अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से संवेदनशील हैं. शांति व्यवस्था पूरी तरह से कायम रखने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि पैदल गश्त भी की जा रही है. आईजी ने खुद आरपीएफ के साथ पैदल गश्त की. यात्रियों को सुरक्षा का अहसास कराया गया. अभी तक किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और न ही होने दी जाएगी.
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20 जून को 32 ट्रेन निरस्त हुईं
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि 20 जून को 32 ट्रेनें निरस्त की गई हैं. उन्होंने बताया कि इनमें 24 एक्सप्रेस ट्रेन, 4 विशेष ट्रेन, 4 सवारी गाड़ी और 1 ट्रेन को रिशेड्यूल किया गया है. दो ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन किया गया है. आरपीएफ के इंस्पेक्टर उपेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि अग्निपथ योजना सरकार की ओर से लाई गई है. इसके विरोध में युवाओं का प्रदर्शन चल रहा है. रेलवे की संपत्तियों को नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है. वे लोग चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था को संभाल रहे हैं. ऐसे तत्वों को समझाने का प्रयास किया जाएगा. वे नहीं मानेंगे, तो विधिक कार्रवाई की जाएगी
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