Security tightened in Pilibhit regarding Eid: आज पूरा देश ईद मना रहा है. ईद उल जुलहा को लेकर पीलीभीत में शनिवार को बाजार गुलजार रहा. मुस्लिम भाइयों ने ईद को लेकर खरीददारी तो की लेकिन इस बार कुर्बानी को लेकर नखासा बाजार में आए बकरों की बिक्री पर महंगाई की मार पड़ती दिखाई दी. महंगाई की वजह से लोगों ने बकरों की कम खरीदारी की. वहीं इस बार ईद से पूर्व हुई पीस कमेटी की बैठक में कुर्बानी के बाद नालों में बकरे के खून को नील डालकर बहाने का फैसला लिया गया है. 


प्रशासन ने किये सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
जिलाधिकारी पुलकित खरे ने बताया कि ईद को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्थाओं के पुख्त इंतजाम किये हैं. अधिकारियों ने नमाज अदा करने वाले जिले के 08 स्थलों का निरीक्षण किया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पीस कमेटी के साथ बैठक कर त्योहार को शांतिपूर्ण ढंग से मनाने की अपील की है.


नील के साथ खून बहाना अच्छा फैसला
नील के साथ खून को बहाने को लेकर डीएम खरे ने कहा कि यह मुस्लिम बुद्धिजीवियों की एक अच्छी पहल है. इससे सांप्रदायिक सौहार्द बना रहेगा और नालियों में खून नहीं दिखेगा. दरअसल पीलीभीत में इमाम संगठन के अध्यक्ष हाफिज इसरार ने बताया है कि जिन स्थानों पर सामूहिक रूप से कुर्बानी होगी वहां कुर्बानी के दौरान ही नील का इस्तेमाल किया जाएगा यानी जैसे ही कुर्बानी के दौरान खून निकलेगा तभी ऊपर से नील डाल दिया जाएगा जिससे खून का रंग नीला हो जाएगा और कहीं भी लाल रंग का खून नहीं दिखेगा.


बकरे की खरीद पर पड़ी महंगाई की मार
इस बार महंगाई की मार बकरों की बिक्री पर साफ नजर आई. एक बकरा विक्रेता ने बताया कि इस बार बाजार में कई जगहों से बकरे बिक्री के लिए लाए गए लेकिन महंगाई की वजह से इस बार बिक्री कम हो सकी जिसका नतीजा ये रहा कि सबसे अधिक महंगे बकरे 25 से 30 हजार तक के ही बिक सके जबकि हर बार कुर्बानी के लिए लाखों रुपये के खूबसूरत बकरों की डिमांड हुआ करती थी.


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