Siddharthnagar News: सिद्धार्थनगर पुलिस ने किया फर्जी डॉक्टर गैंग का पर्दाफाश, नवजात बच्चे की मौत के बाद शुरू हुई जांच
सिद्धार्थनगर जिले की पुलिस ने रविवार को फर्जी डॉक्टर गैंग का पर्दाफाश किया है. बांसी कोतवाली पुलिस ने 15 जनवरी के एक नवजात बच्चे की मौत पर जांच पड़ताल शुरू की तो उसके होश उड़ गये.
UP News: सिद्धार्थनगर (Siddharthnagar) जिले की पुलिस (Police) ने रविवार को फर्जी डॉक्टर गैंग का पर्दाफाश किया है. बांसी कोतवाली (Bansi Thana) पुलिस ने 15 जनवरी के एक नवजात बच्चे की मौत पर जांच पड़ताल शुरू की तो उसके होश उड़ गये. यहां डॉक्टर से लेकर मैनेजमेंट तक सब फर्जी निकले. इनके पास न कोई डिग्री और न ही डॉक्टरों का अनुभव.
कौन है मैनेजिंग डायरेक्टर
बाकायदा ये सब बांसी कस्बे में लाइफ केयर सेंटर के नाम पर अपना अस्पताल संचालित कर रहे थे. इस अस्पताल में NICU तक कि भी व्यवस्था की थी. पकड़े गये अभियुक्तों में हरिओम त्रिपाठी मैनेजर और बृजभूषण पांडेय मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. यह दोनों जिले के इटवा और गोल्हौरा थाना क्षेत्र के निवासी हैं. मुख्य अभियुक्त परमहंस कुमार मिश्रा अभी तक फरार है जो कि अपने आप को MBBS और बच्चों का स्पेलिस्ट बताता था. इनका इस तरह का गोरखधंधा और कई जिलों में चल रहा है.
पुलिस ने क्या किया दावा
वहां पर अपना फर्जी अस्पताल और फर्जी डॉक्टरों के सहारे लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे. कुछ पैसों के इस तरह के जालसाज मासूम बच्चों के जान के साथ खेलते हुवे नजर आ जयेंगे. साथ ही इस तरह के अस्पताल बिना विभागीय मिलीभगत से कैसे संचालित होते है यह सबसे बड़ा सवाल है. अगर जिले में और भी अस्पतालों की जांच पड़ताल किया जाए तो बहुत से अस्पताल इसी तरह अपनी दुकान चलाते मिल जायेंगे. वहीं पुलिस इस मामले में गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई में जुट गयी है. फरार डॉक्टर को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है.
क्या बोले एएसपी
सुरेश चंद्र रावत एएसपी ने बताया, "सिद्धार्थनगर जिले के थाना बांसी में एक फर्जी डॉक्टरों का गैंग पकड़ा गया है. ये लोग पिछले नवंबर से लाईफ केयर सेंटर नाम से एक बड़ा हॉस्पिटल बना. जिसमें फर्जी डॉक्टर और फर्जी मैनेजिंग डायरेक्टर साथ-साथ एक फर्जी ओनर हैं. ये लोग वहां पर लोगों का ट्रीटमेंट कर रहे थे. जिनके पास कोई डिग्री नहीं है, बच्चों का इन्होंने इस्पेसलाइज्ड लाइफ केयर सेन्टर बनाया है. जिसमें सभी वार्ड भी बनाए गए, रोज ये बच्चों का इलाज कर रहे थे."
क्या है मामला
एएसपी ने बताया कि अभी तक तकरीबन 500 बच्चों को फर्जी रुप से देख चुके हैं. जिसमें 15 जनवरी को एक बच्ची की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. जिसके बाद जांच की गई और जांच में पाया गया कि इनके पास न तो कोई डिग्री है और न हो कोई अनुभव है. न ही इनके पास किसी प्रकार के उपकरण हैं. एक डॉक्टर है जो खुद को एमबीबीएस बताता था सत्यापन के दौरान वो भी फर्जी निकला. उसके पास भी कोई डिग्री नहीं थी, वो अभी फरार हैं. वहीं हरिओम और बृजभूषण दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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