Siddharthnagar News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में तमाम कोशिशों के बावजूद प्राथमिक स्कूलों (Primary School) की हालत सुधरने का नाम नहीं ले रही है. सिद्धार्थनगर जिले (Siddharthnagar) में आज भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां पर बिजली तक की व्यवस्था नहीं है और न ही वहां बच्चों और शिक्षकों के आने जाने का कोई सही रास्ता है. हैरानी की बात है कि इन स्कूलों बिजली (Electricity Problem) नहीं होने के बाद भी पानी की सप्लाई के लिए टंकी और टंकियां सालों पहले से ही लगा दी गई है. जिनका कोई इस्तेमाल नहीं है. हालांकि जिलाधिकारी संजीव रंजन ने ऐसे स्कूलों को चिन्हित कर जल्द से जल्द इन्हें सुविधाओं से लैस करने की हिदायत दी है. 


स्कूल में अब तक नहीं पहुंची बिजली
सिद्धार्थनगर जिले के जोगिया ब्लॉक के मधवापुर प्राथमिक विद्यालय काफी संख्या में छात्र पढ़ने के लिए आते हैं. स्कूल में पढ़ाने के लिए टीचर्स का स्टाफ भी है.  लेकिन अगर यहां पर कमी है तो सिर्फ मूलभूत सुविधाओं की.  इस स्कूल तक आने के लिए न तो सड़क है और न ही बिजली की व्यवस्था है. सिद्धार्थनगर जिले में दर्जनों ऐसे विद्यालय हैं जहां आज भी बिजली की सप्लाई नहीं पहुंची है. ना ही वहां तक जाने के बेहतर रास्ता है. बच्चों का कहना है कि जरा सी बारिश में स्कूल तक आने वाली सड़क पूरी तरह पानी से भर जाती है और उन्हें खेतों में बने रास्ते के सहारे स्कूल आना पड़ता है. 


गर्मी में पढ़ने को मजबूर बच्चे


इस स्कूल के बच्चो से जब एबीपी गंगा की टीम ने बात की तो उन्होंने बताया कि बिजली नहीं होने की वजह से उन्हें स्कूल में बहुत गर्मी लगती है. जिससे पढ़ाई करने में भी दिक्कत होती है. बिजली नहीं होने से स्कूल में न तो पंखे हैं और न ही कोई दूसरी सुविधाएं उन्हें मिल पाती है. बच्चों ने संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द उनकी समस्याओं को दूर करने की मांग की है. बच्चों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने की वजह से उनके अभिभावक भी बहुत दुखी हैं. उनका कहना है कि हम चाहते हैं कि कम से कम यहां बिजली तो आ जाए और आने-जाने के लिए रास्ता ही ठीक हो जाए. 


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बच्चों को पढ़ाने में होती है दिक्कत
स्कूल की इस बदहाल हालत के बारे में बताते हुए शिक्षिका अनीता ने कहा कि वो अपने स्तर पर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करते हैं. लेकिन बिजली नहीं होने की वजह से बहुत सारी चीज़ें वो उन्हें सिखा नहीं पाते क्योंकि इसके लिए प्रोजेक्टर की जरुरत पड़ती है. अगर स्कूल में बिजली की सुविधा होती तो बच्चों को इस गर्मी से निजात मिलती. स्कूल में बिजली नहीं है लेकिन बिना किसी वजह यहां टंकिया लगा दी गईं. जरा की बारिश में स्कूल आने का पूरा रास्ता खराब हो जाता है. 


डीएम ने दिया कायाकल्प को भरोसा
वही इस मामले में जिलाधिकारी संजीव रंजन ने कहा कि स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं के ना होने की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से आज ही हुई है. उन्होंने तत्काल संबंधित अधिकारियों को स्कूल जाकर इन समस्याओं को जल्द से जल्द दूर करने के निर्देश दिए. जिला अधिकारी ने कहा कि इस तरह के जो भी स्कूल अभी तक वंचित है उनकी लिस्ट बनाकर जल्दी ही उनका कायाकल्प किया जाएगा. 


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