Sitapur News: यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का कैसा हाल है इसका एक नजारा सीतापुर के सांडा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में देखने को मिला, जहां समय पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से एक महिला की मौत हो गई. पीड़िता का प्रसव होना था, सूचना के बाद भी एंबुलेस बहुत देर से पहुंच पाई. इसकी वजह महिला को समय रहते इलाज नहीं मिल पाया है और उसने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया. 


समय पर इलाज नहीं मिलने से मौत


जानकारी के मुताबिक, मृतक महिला को प्रसव होना था, जिसको लेकर परिजनों ने 102 एंबुलेंस पर फोन किया. नियमों के मुताबिक एंबुलेंस के रिस्पॉन्स का समय 14 मिनट है, जबकि एंबुलेंस पौने घंटे बाद पहुंच पाई. तब तक घर पर ही महिला ने मृत बच्ची को जन्म दे दिया. इसके बाद उसकी हालत भी बिगड़ने लगी. आनन-फानन में जब उसे एम्बुलेंस के जरिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सांडा पहुंचाया गया तो अस्पताल में पहुंचने के बाद भी उसे न को समय से उपचार मिल सका और न ऑक्सीजन. अस्पताल में तैनात स्टाफ नर्स सरिता वैश्य ने ही महिला को प्राथमिक सहायता देने की कोशिश की, लेकिन इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर अनिल कुमार सचान को 40 मिनट तक उसे देखने को वक्त नहीं मिला. 



परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप


समय पर इलाज नहीं मिल पाने की वजह से महिला की अस्पताल में मौत हो गई. डॉक्टरों ने मौत की वजह प्रसूता का एनिमिक होना बताया है. वहीं महिला के पति मोहनलाल और परिजनों ने अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि यदि समय पर उचित इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी. इस मामले पर सीएचसी अधीक्षक डॉक्टर अनिल कुमार सचान का कहना है कि महिला के इलाज की हर संभव कोशिश की गई, लेकिन वो काफी एनिमिक थी जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई. 


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