Sitapur News: यूपी के सीतापुर (Sitapur) में हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां पैसे बनाने के चक्कर में एक प्राइवेट नर्सिंग होम (Nursing Home) के डॉक्टर मृत शख्स का इलाज करते रहे. वो भी तब जब सीएचसी (CHC) ने उसे पहले से ही मृत घोषित कर दिया था. लेकिन जब परिजन किसी उम्मीद में उसे प्राइवेट नर्सिंग होम लेकर पहुंचे तो परिजनों को सच बताने की जगह डॉक्टरों ने मृत युवक का ही इलाज करना शुरू कर दिया. सीएचसी द्वारा की मौत की पुष्टि के पेपर और नर्सिंग होम में हुए इलाज के पेपर इस धांधली का सबसे बड़ा प्रमाण हैं.


करंट लगने से हुई युवक की मौत


दरअसल कोतवाली क्षेत्र के जाफरपुर गांव में रहने वाला 30 साल का युवक मनीष, बुधवार की दोपहर घर के बाहर लगे हैंडपंप में पानी पीने गया था. इस हैंडपंप में एक बिजली का मोटर बंधा था, जिससे करंट उस नल में उतर आया. मनीष इस करंट की चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गया. आनन-फानन में परिजन उसे लेकर सीएचसी महमूदाबाद लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उस मृत घोषित कर दिया और इसी पुष्टि करते हुए पर्ची भी दे दी. लेकिन अचानक जवान बेटे को खाने की बात मानने को तैयार नहीं थे और वो मनीष को सिधौली मार्ग पर बने सुधा अस्पताल ले गए. 


 

मृत युवक का इलाज करते रहे डॉक्टर

इसके बाद सुधा नर्सिंग होम का पैसे बनाने का खेल शुरू हो गया. उन्होंने पीड़ित परिवार से पैसे ऐंठने के चक्कर में मृत मनीष के इलाज का नाटक करना शुरू कर दिया और 2250 रुपए की दवाई तथा 1600 रुपए के चिकित्सीय फीस का बिल बनाकर परिजनों को थमा दिया. इसके बाद उन्हें परिजनों को बताया कि उसकी मौत हो चुकी है. इसके बाद परिजनों ने नर्सिंग होम के खिलाफ मृत युवक का इलाज करने और फर्जी बिल वसूलने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया. किसी तरह लोगो ने परिजनों को शांत कराया और फिर शव को अंतिम संस्कार के लिए गांव ले जाया गया. 

 

वहीं दूसरी तरफ सीएमओ डा. मधु गैरोला का कहना है कि उन्हें अभी तक ऐसी कोई शिकायत ही नहीं मिली है. शिकायत मिलते ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी. 

 

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