Sonbhadra News: यूपी के सोनभद्र (Sonbhadra) में पर्यावरण (Environment) को बचाने के लिए जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह (Chandra Vijay Singh) ने अनोखी पहल की है. इन दिनों सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) के खिलाफ चल रहे जन आंदोलन "मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी" के अंतर्गत सभी को घरों पर बोरी टांगने का लक्ष्य रखा गया था. जिसको जन आंदोलन बनाने के लिए जनपद के सभी ग्राम प्रधान, जनप्रतिनिधि, विधायक, मंत्री के आह्वान पर जनपद के लगभग 3 लाख घरों पर बोरिया लगाई गई. कई घरों से प्लास्टिक इकट्ठा किया गया.
सोनभद्र के जिलाधिकारी की अनोखी पहल
डीएम चन्द्र विजय सिंह के इस अनोखे प्रयास के तहत कलेक्ट्रेट गेट के पास से हरी झंडी दिखा कर प्लास्टिक को अल्ट्राकेट के लिए रवाना किया. मेरा प्लास्टिक मेरी जिम्मेदारी कार्यक्रम कई चरणों में संपन्न हुआ. पहले चरण में घरों पर बोरी टांग आना, दूसरे चरण में लोगों से अपील की गई और अपनी प्लास्टिक अपनी जिम्मेदारी समझाते हुए उसे बोरी में डालने के लिए कहा गया और तीसरे चरण में 20 से 25 तारीख तक घर घर जाकर प्लास्टिक को कलेक्ट कर एक जगह इकट्ठा करना एवं विकास खंड पर इकट्ठा किया जाना शामिल हैं. इसके अंतिम चरण में आज प्लास्टिक इकट्ठा कर अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री को निस्तारण के लिए जिलाधिकारी चंद्र विजयसिंह ने स्वयं 4900 किलो प्लास्टिक अल्ट्राटेक के प्रबंधन को दी.
हर घर के बाहर लटकाई गई बोरी
जिलाधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि इस अभियान का सबसे मुख्य बिंदु ये है कि लोगों को प्लास्टिक उसी घर में इकट्ठा किए जाने के लिए समझाया गया कि प्लास्टिक को बाहर फेंकने की बजाय घर के बाहर रखी बोरी में ही रखा जाए. ग्राम पंचायत के द्वारा वह प्लास्टिक इकट्ठा कर उसको निस्तारण के लिए अल्ट्राटेक सीमेंट फैक्ट्री को उपलब्ध करवाई जाए. विकास खंड बभनी से 235 किलो, विकास खंड चतरा से 417 किलो, विकास खंड चोपन से 235 किलो, विकास खंड दुद्धी 325 किलो, विकास खंड घोरावल 840 किलो, विकासखंड करमा 830 किलो, विकास खंड कोन से 222 किलो, विकास खंड म्योरपुर से 866 किलो, विकास खंड नगवा से 408 किलो एवं विकास खंड राबर्ट्सगंज से 522 किलो प्लास्टिक सफाई कर्मियों एवं गांव के लोगों ने इकट्ठा की है.
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सरकार द्वारा 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को बैन किया गया है. जनपद का यह कार्यक्रम एक नवीन प्रयास है और इस कार्यक्रम के तरीकों को भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा भी सराहा गया है. भारत सरकार के पेयजल और स्वच्छता विभाग के द्वारा यूपी के सोनभद्र जिले के इस कार्यक्रम को अपने पेज पर स्थान भी दिया गया है.
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