Ghazipur News: हिन्दू धर्म में मृत्यु के तेरह दिन बाद मृत आत्मा की शांति के पूजन के बाद पुरोहितों के साथ रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों को ब्रह्मभोज देने का चलन है, लेकिन गाजीपुर (Ghazipur) के जंगीपुर से सपा विधायक डॉ वीरेन्द्र यादव (Dr. Virendra Yadav) ने इस प्रथा का विरोध किया है. सती प्रथा की तर्ज पर उन्होंने मृत्यु भोज को भी खत्म करने का अभियान शुरू किया है. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) से प्रेरणा लेकर उन्होंने इस अभियान की शुरुआत की है.


सपा विधायक ने छेड़ा मृत्यु भोज के विरोध में अभियान


सपा विधायक वीरेंद्र यादव ने राजा राम मोहन राय द्वारा विधवा विवाह के चलन को बढ़ावा देने की बात पर बल देते हुए, मृत्यु के बाद ब्रह्मभोज के चलन को सामाजिक कुरीति बताकर इसे बंद करने के लिए मुहिम छेड़ने की बात की है. जिसको लेकर उन्होंने करीब आधा दर्जन लोगों के यहां जाकर खुद लोगों से तेरहवीं का बहिष्कार की अपील की है. लोगों ने भी उनकी इस अपील को माना है. जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सपा नेता ने इसके लिए अखिलेश यादव से प्रेरणा लेने की बात कही, क्योंकि नेताजी की मृत्यु के बाद अखिलेश यादव द्वारा तेरहवीं भोज का आयोजन नहीं किया गया था.


अखिलेश यादव से ली इस बात की प्रेरणा
डॉ वीरेंद्र यादव ने बताया कि तेरहवीं का चलन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के गांव सैफई में लोगों ने बहुत पहले बंद कर दिया था. वहीं नेताजी के निधन के बाद अखिलेश यादव ने भी तेरहवीं संस्कार नहीं किया. उसी से प्रेरणा लेकर वह अब अपने क्षेत्र में लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं जिसके प्रतिफल में अब तक करीब 5 से 6 लोगों ने तेरहवीं संस्कार में मृत्यु भोज नहीं कराया है. इस अवसर पर लोगों ने गरीबों में कंबल वितरण किया है.

डॉ वीरेंद्र यादव गाजीपुर की जंगीपुर विधानसभा सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. उन्होंने ब्रह्मभोज को ब्राह्मणों द्वारा बनाई गई श्राद्ध उपरांत परंपरा बताया. उन्होंने अब इस परंपरा का सार्वजनिक रूप से विरोध करने का मन बना लिया है. इसके लिए वो अपने सोशल मीडिया अकाउंट से व व्यक्तिगत रूप से लोगों से मिलकर ब्रह्मभोज का कार्यक्रम को न करने की अपील भी कर रहे हैं.


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