Lucknow News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से स्टार्टअप का मास्टर प्लान तैयार किया गया है.इसमें आधा दर्जन नए क्षेत्रों के स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा.इसमें महिलाओं, ग्रामीण प्रभाव वाले, सकरुलर इकोनॉमी, सौर ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन और व्यवसायीकरण आदि स्टार्टअप को भी प्रोत्साहन दिया जाएगा.सीएम योगी के निर्देश पर स्टार्टअप नीति 2020 को आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग संशोधित कर रहा है. संशोधित उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 पर कैबिनेट में जल्द मुहर लगने वाली है.संशोधित नीति में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है.


मासिक भत्ता भी दिया जाएगा 
सरकार की ओर से मिली जानकारी के अनुसार स्टार्टअप आइडिया से उत्पाद बनाने पर वह पांच लाख रुपए और उसे बाजार में लांच करने पर 7.50 लाख रुपए देगी.स्टार्टअप्स को एक साल के लिए 17,500 रुपए मासिक भरण-पोषण भत्ता भी दिया जाएगा.नीति में उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लक्ष्य को तीन से बढ़ाकर 10 किया गया है. इसके अलावा व्यवहारिक आवश्यकताओं को देखते हुए महिला नेतृत्वयुक्त स्टार्टअप, ग्रामीण प्रभाव स्टार्टअप, सकरुलर इकोनॉमी स्टार्टअप, नवीकरणीय ऊर्जा स्टार्टअप, जलवायु परिवर्तन स्टार्टअप और व्यवसायीकरण आदि को नीति में पारिभाषित किया गया है. इससे इन क्षेत्रों में स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं की तकदीर बदलेगी.


तीन स्टेट ऑफ आर्ट उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना 
प्रदेश में स्टार्टअप सेक्टर इतनी तेजी से विकसित हो रहा है कि दो सालों में ईको सिस्टम में हुए बदलाव के कारण स्टार्टअप नीति को संशोधित किया गया है.साथ ही उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020 के अब तक के कार्य, प्रदर्शन, अन्य राज्यों से प्रतिस्पर्धा और जनवरी 2023 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को ध्यान में रखते हुए लक्ष्यों को साधने के लिए युक्ति संगत बनाया गया है.इसके अलावा निवेशकों के लिए नीति को अधिक आकर्षक बनाने के लिए प्रोत्साहन पैकेजों के पुनर्गठन के लिए नीति में संशोधन किया गया है.


यूपी में स्टार्टअप नीति-2020 के तहत राज्य में तीन स्टेट ऑफ आर्ट उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की गई है.एसजीपीजीआई और आईआईटी कानपुर के नोएडा परिसर में उत्कृष्टता केंद्र संचालित हैं.आईआईटी कानपुर परिसर में ड्रोन सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना के प्रस्ताव पर राज्य स्तरीय नीति अनुश्रवण और कार्यान्वयन समिति की संस्तुति पर कार्य शुरू हो गया है.प्रदेश में वर्तमान में 52 शासकीय मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेटर्स और करीब 7200 स्टार्टअप्स भारत सरकार के डीपीआईआईटी से पंजीकृत होकर कार्यरत हैं.


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