Pratapgarh News: प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के मान्धाता इलाके की पर्वतपुर CHC में डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टॉफ के अभाव में मरीजों का इलाज कराना मुश्किल हो गया है. इस सीएचसी में ज्यादातर तैनात डॉक्टर(Doctor) आते ही नहीं है. एक डेंटल डॉक्टर हफ्ते में तीन दिन सीएचसी आती हैं. डॉक्टरों और अन्य स्टाफ के न आने के कारण कर्मचारियों के आवास पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं. वहां के खिड़कियों को अराजक तत्वों ने तोड़ दिया है और दरवाजों को दीमक चाट गए हैं. प्रतापगढ़ के मान्धाता के सीएचसी पर्वतपुर में कभी कोई नहीं रहता है. इसके कारण यह सेंटर शराबियों का अड्डा बन गया है. इस सीएचसी सेंटर में मरीजों का इलाज होना मुश्किल हो गया है. सरकार के करोड़ों रुपये जो इसके निर्माण और रखरखाव में खर्च हुए उस पर भी पानी फिर गया है.


सीएचसी सेंटर में लगा रहता है गंदगी का अंबार
ग्राम प्रधान का कहना है कि जब यह सीएचसी बनी थी तो काफी उम्मीदें जगी थी लेकिन आज यहां की स्थिति देख कर बहुत दुख होता है. करोड़ो की लागत से बनी इस सीएचसी में तीन डॉक्टर है लेकिन सिर्फ एक डेंटिस्ट कभी-कभी आती हैं और एक फार्मासिस्ट है जिसके भरोसे किसी तरह से यह सीएचसी चल रही है. बाकी डॉक्टर और अन्य स्टाफ का पता नही रहता, आवास भी बनाए गए थे लेकिन किसी के न रहने से खिड़की दरवाजे सब नष्ट हो चुके है, गंदगी का अंबार लगा रहता है.


क्या कहते हैं सीएमओ
वहीं सीएमओ अरविंद श्रीवास्तव ने कहा कि हमें शिकायत मिली है, लेकिन हमारे यहां चार सीएचसी ऐसी हैं जो सुदूर में बनी है. जहां आवागमन आसान नहीं है. इन जगहों पर रह पाना भी मुश्किल है. इसलिए डॉक्टर यहां रुकते नहीं है. इसलिए यहां हम ओपीडी चला रहे हैं. हम इन जगहों पर 24 घण्टे सेवा दे पाने में असमर्थ है, ब्लॉक मुख्यालय की पीएचसी बड़ी है जिसे हम सीएचसी के रूप में 24 घण्टे संचालित कर रहे हैं. यहां पर दो एमबीबीएस और एक डेंटल के साथ ही फार्मासिस्ट व पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हैं.


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