PM Modi Kanpur Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 25 जुलाई को कानपुर (Kanpur) आ रहे हैं. कानपुर के मेहरबान सिंह का पुरवा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चौधरी हरमोहन सिंह की 10 वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम के जरिए भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) लोकसभा चुनाव 2024 के मिशन (BJP Mission 2024) को फतह करने के लिए कई एजेंडे एक साथ साधने की कोशिश में जुटी है. 


एक तीर से दो निशाने


दरअसल चौधरी हरमोहन सिंह यादव समाजवादी पार्टी के बड़े नेता रहे. उन्हें मुलायम सिंह के करीबियों में माना जाता रहा है, लेकिन अब उनके बेटे बीजेपी के साथ है. ऐसे में चौधरी हरमोहन सिंह यादव की पुण्य तिथि में शिरकत करके पीएम मोदी और बीजेपी सपा के परंपरागत वोट बैंक यादव खेमे में सेंधमारी की पूरी तैयारी में लग गई है. यही नहीं बीजेपी चौधरी हरमोहन के शौर्य को भी कैश करने की कोशिश में जुटी है. ऐसा इसलिए क्योंकि चौधरी हरमोहन सिंह ने 1984 में हुए सिख दंगों के दौरान अपनी जान पर खेलकर कई सिखों का जान बचाई थी. इसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित भी किया गया था. जानकार कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री अपने भाषण में चौधरी साहब की इस वीरता का जिक्र करेंगे और देशभर में सिख वोटरों की गोलबंदी के लिए रणनीति के तहत एक सियासी चाल चलेंगे.


84 दंगों में बचाई थी सिखों की जान
चौधरी हरमोहन सिंह यादव के बेटे और राज्यसभा सांसद रहे सुखराम सिंह यादव का कहना है कि 1984 के दंगों में वो रतनलाल नगर में रहते थे. जहां उनके घर के आसपास कई सिख परिवार रहते थे. जब दंगाइयों ने इन सिख परिवारों को क्षति पहुंचाने की कोशिश की तो पिता और पुत्र की जोड़ी ने कई घंटे मोर्चा लेकर दंगाइयों को बैकफुट पर धकेल दिया था. जिसके बाद सिखों ने पिता-पुत्र को सम्मानित किया और राष्ट्रपति के द्वारा उनके पिता चौधरी हरमोहन सिंह यादव को शौर्य चक्र से नवाजा गया. 

यही नहीं रतनलाल नगर में उस वक्त रहने वाले राजपूत सिंह का कहना है कि चौधरी साहब के परिवार ने उनके जीवन को बचाया. यहां ऐसा एक परिवार नहीं बल्कि कई ऐसे परिवार हैं जो आज भी उनकी वजह से ही जीवित हैं. 


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सिखों में पैठ बनाने की कोशिश में बीजेपी


भारतीय जनता पार्टी का पंजाब में पिछले कई चुनावों में काफी कमजोर प्रदर्शन रहा है. सिखों के बीच गहरी पैठ बनाने के लिए 84 दंगों को लेकर एसआईटी की जांच और उसमें ताबड़तोड़ कार्रवाई भी हो रही है. बीजेपी अब चौधरी साहब के परिवार के जरिए यादव महासभा को कॉन्फिडेंस में लेकर देशभर के यादवों में अपनी पैठ मजबूत करना चाहती है तो वही सिखों के प्रति शौर्य प्रदर्शन करने वाले इस परिवार को अपनाकर अपने मिशन 2024 को हासिल करने की सियासी रणनीति को भी आगे बढ़ा सकती है. 


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