UP News: महोबा का महिला जिला अस्पताल विवादों और लापरवाही को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है. इसी के मद्देनजर आज राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी ने महिला जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. जहां अस्पताल में बेड की कमी, फैली गंदगी, डॉक्टरों की लापरवाही और अन्य शिकायतों पर खासी नाराजगी जाहिर की. वहीं इसके लिए सीएमएस और सीएमओ को जिम्मेदार बताया है. यहीं नहीं उन्होंने कहा कि सीएमएस सिर्फ तनख्वाह और सरकारी की योजनाओं का लाभ लें रहे हैं. मगर काम कुछ भी नहीं कर रहे हैं. इसके लिए अधिकारियों को अलग से लिखकर कार्रवाई कराई जाएगी.
महिला जिला अस्पताल में की जा रही है लापरवाही
महोबा का महिला जिला अस्पताल जहां महिलाओं के इलाज को लेकर बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावे किए जाते हैं लेकिन पिछले कई दिनों से यहां लापरवाही और भ्रष्टाचार की शिकायतें चर्चा का विषय बनी है. इसी को लेकर राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष अंजू चौधरी आज अचानक महिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंच गईं. दरअसल, महिला अस्पताल में हो रही लापरवाही की शिकायतें मिल रही थी. जिसके मद्देनजर उन्होंने औचक निरीक्षण किया. जिससे अस्पताल में तैनात डॉक्टरों और कर्मचारियों में हड़कंप मच गया. अस्पताल में चारों तरफ गंदगी और बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को देख राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष खासी नाराज दिखी.
सफाई को लेकर महिला आयोग नाराज
बता दें कि अस्पताल में सफाई व्यवस्था बेहतर न मिलने पर सीएमओ, सीएमएस को सख्त हिदायत दी. तो वहीं अस्पताल के वार्डों में एक बेड में दो-दो मरीजों के भर्ती होने पर चिंता जताते हुए अव्यवस्थाओं को सही करने के निर्देश भी दिए गए. लापरवाही इस कदर कि अस्पताल में नवजात बच्चों को जो उपचार मिलना चाहिए वो तक उन्हें नहीं मिल पा रही है. इसको लेकर राज्य महिला आयोग नाराज दिखी. महिला अस्पताल की अवस्थाओं को लेकर उन्होंने सख्ती दिखाई है. कमियों को दूर करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. वहीं निरीक्षण के दौरान महिला अस्पताल में महिलाओं की अपेक्षा बेवजह पुरुषों की संख्या अधिक देख उन्होंने तैनात महिला सुरक्षाकर्मियों को इस बाबत सख्त हिदायत दी.
पुरुषों की संख्या देख कही यह बात
आयोग की उपाध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की संख्या देखकर यह लगता है कि यह महिला अस्पताल नहीं बल्कि पुरुष अस्पताल है जबकि महिला अस्पताल में 6 महिला सुरक्षाकर्मी तैनात है लेकिन वो पुरुषों को भगाने में असक्षम है.अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों के साथ लोगों की भीड़ ज्यादा आ रही है. इससे भी परेशानियों बढ़ रही है. जिस कारण यहां पैदा होने वाले बच्चों को इंफेक्शन का डर भी बना रहता है. इस ओर भी कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है.
डॉक्टरों की कमी को लेकर जताई चिंता
महिला अस्पताल में स्टाफ सहित डॉक्टरों की कमी को लेकर भी उन्होंने चिंता जाहिर की. निरीक्षण में सबसे अजीब बात महिला अस्पताल में देखने को मिली कि किसी भी बाथरूम में पानी की व्यवस्था नहीं थी जबकि मरीज उसे इस्तेमाल कर रहे थे इसको लेकर उन्होंने सीएमएस को जमकर फटकार लगाई और सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस बाबत जब सीएमओ से कहा गया तो उन्होंने तत्काल निर्देश दिए लेकिन सवाल उठता है कि मेरे आने से पहले क्यों नहीं इस पर ध्यान दिया गया. यह लापरवाही साफतौर पर दिखाई दे रही है. महिला अस्पताल के इंचार्ज सीएमएस अपनी ड्यूटी सही से नहीं कर रहे जिसका नतीजा यह है कि यहां अव्यवस्थाएं फैली हैं. उन्हें तनख्वाह अच्छी मिल रही है पर काम नहीं कर रहे. यही तो खराबी है सरकार अच्छी व्यवस्था दे रही है लेकिन यह काम नहीं करना चाहते ऐसे ही लोगों पर तबादला और अन्य कार्रवाई होती हैं.
अस्पताल के लिए सीएमओ जिम्मेदार
अंजू चौधरी ने कहा कि जिस तरीके से महिला जिला अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ काम कर रहा है वह गलत है भ्रष्टाचार की लगातार शिकायतें मिल रही हैं और कोई भी डॉक्टर ऐसा नहीं लगा जो ईमानदारी से काम कर रहा हो. महिला अस्पताल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है जो यहां की बदहाली को दर्शाने के लिए काफी है. अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही और बदहाली के लिए सीएमएस और सीएमओ सीधे जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि जब विभाग का आला अधिकारी लापरवाह होगा तो कर्मचारी अपने आप लापरवाह हो जाएंगे. जिसको लेकर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए जिसके लिए अलग से अधिकारियों को लिखा जाएगा.