UP News: नगर निकाय चुनाव की तारीखें जल्द ही घोषित होने वाली हैं, क्योंकि जिस आरक्षण के प्रस्ताव का इंतजार किया जा रहा था वह 48 जिलों के लिए जारी कर दिया गया है और माना जा रहा है कि बाकी बचे 27 जिलों में भी आरक्षण का फार्मूला एक या दो दिन में घोषित कर दिया जाएगा. हालांकि अभी 17 नगर निगम के मेयर, 200 नगरपालिका के अध्यक्ष और 546 नगर पंचायतों के अध्यक्ष के चुनाव के लिए आरक्षण का क्या फार्मूला होगा यह फिलहाल तय नहीं हो पाया है . वहीं कांग्रेस साफ तौर पर दावा कर रही है कि इस बार निकाय चुनाव में वह पिछली बार से बेहतर परफॉर्म करेगी.
उत्तर प्रदेश में शहर की सरकार चुनने का इंतजार हर कोई कर रहा है. सियासी दल हो, नेता हो, या आम लोग हर कोई इंतजार कर रहा है की जल्द स्थानीय निकाय के चुनाव की तारीखों का एलान हो. दरअसल स्थानी निकाय चुनाव के लिए सारी तैयारियां लगभग हो चुकी है लेकिन अभी तक आरक्षण का प्रस्ताव जारी नहीं हुआ था लेकिन अब नगर विकास विभाग ने 48 जिलों के लिए वार्ड में आरक्षण का फार्मूला जारी कर दिया है और बाकी बचे 27 जिलों के आरक्षण का फार्मूला भी माना जा रहा है की एक या दो दिन के भीतर जारी हो जाएगा . इसकी आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है और माना जा रहा है कि यह समय पूरा होने के बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की तारीखों का ऐलान करेगा 10 या 12 दिसंबर के बीच चुनाव की तारीखों की घोषणा होने की संभावना है.
अपनी-अपनी तैयारियों में जुटा है हर सियासी दल
स्थानीय निकाय चुनाव के लिए हर सियासी दल अपनी अपनी तैयारियों में जुटा है. 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस निकाय चुनाव को एक सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है. कांग्रेस भी यह मान रही है कि यह चुनाव उसके लिए काफी अहम है और पार्टी की स्थिति को जानने के लिए इससे बेहतर अवसर नहीं मिल सकता इसीलिए कांग्रेस ने यह तय किया है कि इस बार मेयर,पार्षद, नगर पालिका अध्यक्ष, सदस्य, नगर पंचायत के अध्यक्ष और नगर पंचायत के सदस्य हर चुनाव अपने सिंबल पर लड़ाएगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी का साफ तौर पर कहना है जब हम पानी निकाय चुनाव को अपने सिंबल पर लड़ेंगे तो हमें यह पता चलेगा कि हमारी क्या तैयारी है और हमारे सिंबल को कितना पसंद किया जा रहा है वह यह भी कह रहे हैं कि 2017 से ज्यादा सीटें इस बार निकाय चुनाव में कांग्रेस जीतेगी . हालांकि अगर 2017 के आंकड़ों पर नजर डालें तो उत्तर प्रदेश में नगर निगम 16 थे लेकिन कांग्रेस एक भी नगर निगम में मेयर की सीट नहीं जीत पाई थी.
जानें- पूरा समिकरण
वहीं नगर निगम में सभासदों के पद पर कांग्रेस की जीत का केवल 8 फ़ीसदी था. वहीं नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के केवल 4 फ़ीसदी उम्मीदवार ही जीत पाए , जबकि नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के 3 फ़ीसदी उम्मीदवार ही विजय हासिल कर पाए थे . वही नगर पंचायत में सदस्यों के पद पर कांग्रेस की जीत का प्रतिशत केवल 2 फ़ीसदी ही था . हालांकि 2017 में कांग्रेस के 5 विधायक थे लेकिन इस बार उनकी संख्या घटकर 2 हो गई है ऐसे में कांग्रेस के सामने 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले स्थानीय निकाय के चुनाव भी एक बड़ी चुनौती है.