UP Nagar Nikay Chunav: एक-दूसरे की रणनीतियों पर BJP-सपा की निगाह, बगावती दावेदारों पर गड़ाई नजर
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के तारीखों की घोषणा किसी भी वक्त हो सकती है. इसको लेकर सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. चुनाव में सपा और बीजेपी उम्मीदवारों में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा.
UP News: चुनावों में सियासी दल एक दूसरे की चालों पर पैनी निगाह रखते हैं. कानपुर (Kanpur) में नगर निकाय चुनाव (Nagar Nikay Chunav) को लेकर बीजेपी और सपा में भी इसी तरह की रणनीति पर काम होता दिख रहा है. बीजेपी में मेयर पद के दावेदारों में बाढ़ सी आई हुई है. वहीं मेयर प्रमिला पांडे (Pramila Pandey) ने दोबारा टिकट के लिए आवेदन कर अन्य दावेदारों में चिंता और नाराजगी बढ़ा दी है. अब तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक 100 से ज्यादा लोगों ने मेयर पद की दावेदारी ठोक दी है. ऐसे में बीजेपी संगठन की मुश्किलें प्रत्याशी को तय करने के लिए बढ़ती दिख रही हैं. घात लगाए बैठी सपा इस बार बीजेपी को झटका देने के मूड में है. दरअसल, सपा की कोशिश पिछले साल बीजेपी के विरोध में कांग्रेस और बीएसपी को मिले वोट को एक करना है. वहीं बीजेपी के मजबूत बगावती और भितरघात करने वाले दावेदारों पर भी नजरें गड़ाए हुए हैं. जिसकी तस्दीक अमिताभ बाजपेई इशारों-इशारों में करते हैं.
अमिताभ बाजपेई ने कहा कि नगर निकाय चुनाव को लेकर सपा ने आवेदन ले लिए हैं. बीजेपी के रुख को हम लोग देख रहे हैं. वहां से बहुत से नाम चर्चा में आ रहे हैं जैसे ही कोई दावेदार नज़र हम देखते हैं. उसी के उलट अपने दावेदार को हम भी तैयार कर लेते हैं. उनका सिटिंग मेयर है उनकी रणनीति को देखते हुए निकाय चुनाव की तैयार कर रहे हैं. कानपुर में बीजेपी से लड़ाई सपा पार्टी की हो यह तैयारी कर रहे हैं. सपा के तीन विधायक शहर में हैं. हम लोग शहर से ऐसी तैयारी कर रहे हैं कि पिछले चुनाव में बीजेपी के विरोध में जो वोट पड़ा था उसे सपा के पक्ष लाने की कोशिश कर रहे हैं. सपा सभी दलों के प्रत्याशियों पर नजर रखे हुए हैं. हमारे दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं. जिताऊ प्रत्याशी को टिकट देंगे, दूसरे दल के जिताऊ उम्म्मीदवार को लेने में गुरेज नहीं करेंगे.
कभी कांग्रेस, कभी बीजेपी का रहा है यहां से मेयर
सपा जिस रणनीति पर काम कर रही है बीजेपी उसे घेरती हुई दिख रही है. बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि सपा को हमारी पार्टी को समझने की जरूरत है. बीजेपी में दावेदारों की भीड़ के बीच एक व्यक्ति को मेयर पद के लिए चुनाव लड़ाया जाएगा जबकि 99 उसे पार्टी नेतृत्व का फैसला मानकर चुनाव जिताने में सर्वस्व झोंक देंगे. कानपुर में अब तक या तो बीजेपी का मेयर जीता है या फिर कांग्रेस का. लेकिन जिस तरह से सपा, रणनीति बनाते हुए बीजेपी विरोधी वोटरों को एक-एक कर अपने खाते में लाने में जुटी हुई है ऐसे में माना जा सकता है कि सपा बड़ी चुनौती पेश कर सकती है.
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