UP Nikay Chunav 2022: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग नंवबर के पहले हफ्ते में चुनाव का एलान कर सकता है और नवंबर के आखिरी हफ्ते में चुनाव हो सकते हैं. निकाय चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी भी सक्रिय हो गई है. पार्टी नेताओं को निर्देश दिया गया कि वे अपने अपने क्षेत्र में मतदाता सूची चेक कर लें. प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने सभी विधायकों, पूर्व विधायकों, निवर्तमान जिला अध्यक्षों, महानगर अध्यक्षों सहित नेताओं को अपने क्षेत्र की सूची चेक करने को निर्देश दिया है. मतदाता सूची संशोधित कराने के लिए 1 महीने से बीएलओ घर-घर जा रहे हैं. सभी नेताओं को मतदाताओं से जुड़े रहने का भी निर्देश दिया गया है.


समाजवादी पार्टी ने नेताओं के बीच गुटबाजी खत्म करने को लेकर भी नई रणनिति तैयार की है. सपा अब विधायकों के नेतृत्व में निकाय चुनाव लड़ेगी. विधायकों को पड़ोसी जिले जिम्मेदारी की दी गई है. वहीं, निकायवार पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं.सूत्रों के मुताबिक, जहां पर विधायक नहीं है वहां पूर्व विधायक और पूर्व सांसदों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. लखनऊ में तीन जबकि अन्य निगमों में दो या एक विधायक जिम्मेदारी निभाएंगे. विधायकों को अपने जिले की जगह दूसरे जनपद में पर्यवेक्षक बनाया गया है. इसके साथ में विधायकों की संगठनात्मक स्तर पर नेतृत्व क्षमता की भी परीक्षा ली जाएगी.


इन तीन विधायकों के पास लखनऊ की जिम्मेदारी
लखनऊ की जिम्मेदारी 3 विधायकों फरीद महफूज किदवई, अमिताभ बाजपेई और धर्मराज सिंह को सौंपी गई है. इसी तरह अलीगढ़ में विधायक नवाब जान और विधायक राम खिलाड़ी सिंह को जिम्मेदारी दी गई. कानपुर में विधायक विशंभर सिंह यादव, रविदास मेहरोत्रा और चंद्र प्रकाश लोधी को जिम्मेदारी दी गई है. गोरखपुर में विधायक राममूर्ति वर्मा और संग्राम सिंह को जिम्मेदारी मिली है.


वाराणसी में विधायक मनोज पांडे को मिली जिम्मेदारी
इसके अलावा, वाराणसी में विधायक मनोज पांडे, जाहिद बेग और आर के वर्मा को पर्यवेक्षक बनाया गया है. साथ ही साथ अयोध्या में विधायक अतुल प्रधान और कमाल अख्तर को जिम्मेदारी मिली है. बता दें नाम कटवाने व जुड़वाने की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर है.


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