UP Nagar Nikay Chunav 2023: अंबेडकरनगर में जब से समाजवादी पार्टी ने नगर निकाय चुनाव के लिए प्रत्याशियों की घोषणा की है, तभी से पार्टी में बगावत के स्वर फूट रहे हैं. जिला मुख्यालय की नगर पालिका अकबरपुर से टिकट की घोषणा होते ही पार्टी के दो कद्दावर नेताओं ने बगावत का बिगुल फूंक दिया है. इनमें से एक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है तो दूसरे ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में नामांकन कर दिया है. दोनों नेताओं ने टिकट कटने के पीछे अकबरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक पूर्व मंत्री राम अचल राजभर का हाथ बताते हुए उन पर सीधा आरोप लगाया है. दोनों नेताओं का आरोप है कि टिकट ऐसे उम्मीदवार को दे दिया है जिसका समाजवादी पार्टी से कोई संबंध नहीं है. इसके अलावा किछौछा और राजेसुल्तानपुर में भी टिकट कटने से कई नेताओं ने नाराजगी जताई है.


अंबेडकरनगर में तीन नगर पालिका परिषद और 4 नगर पंचायतो में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव द्वितीय चरण में 11 मई को मतदान होना है. इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशियों की घोषणा कर चुकी है. टिकट की घोषणा के साथ ही पार्टी में बगावत के स्वर दिखाई दे रहे हैं. जिला मुख्यालय की नगर  पालिका अकबरपुर से टिकट मांग रहे दो नेता टिकट कटने के बाद खुलकर बगावत पर उतर आए हैं. साल 1992 - 93 से पार्टी से जुड़ी विद्यावती राजभर जो पार्टी संगठन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रही हैं. उसके साथ ही सपा सरकार में उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा भी मिला था इस बार वे नगर पालिका अकबरपुर से अध्यक्ष पद का टिकट मांग रही थी. लेकिन पार्टी ने बसपा से सपा में आई शारदा राजभर को टिकट दे दिया जिन्हें विधायक राम अचल राजभर का करीबी माना जाता है और उन्हीं के साथ बसपा से सपा में आई थीं.


वहीं विद्यावती राजभर ने विधायक राम अचल राजभर पर टिकट कटवाने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सपा के पूर्व जिला महासचिव हाजी मो.अकमल उर्फ जुगनू ने भी विधायक राम अचल राजभर पर टिकट कटवाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि राम अचल राजभर ने उनका टिकट कटवाने के लिए अपनी प्रतिष्ठा लगा दिया. जबकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पिछले 4 साल से उनका टिकट फाइनल कर रखा था, उन्होंने टिकट भले ही न दिया हो लेकिन उनका आशीर्वाद मेरे साथ है. सपा में बगावत के सुर उठने के सवाल पर जिला अध्यक्ष ने बताया कि टिकट मांगना हर कार्यकर्ता का अधिकार होता है और  टिकट देने की जिम्मेदारी नेतृत्व की होती है. अब यह किन परिस्थितियों में लिया है, मैं तो एक कार्यकर्ता हुं जैसा ऊपर से आदेश होगा. बगावत का कोई जानकारी नहीं है, राम अचल राजभर के ऊपर लगे आरोपों के बारे भी उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहा कि जब तक कोई ऑथेंटिक न हो उस पर कुछ कहना ठीक नहीं है.


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