UP Nikay Chunav 2023: अयोध्या में निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी मैदान में उतर चुकी है और अब निर्दलीय प्रत्याशियों को भी चुनाव चिन्ह मिल चुका है. इस बार अयोध्या में निकाय चुनाव में बगावत की जंग देखी जा रही है. बीजेपी(BJP) से बगावत करने वाली निर्दलीय पार्टी शंख के चुनाव चिन्ह से लड़ रहे हैं. अयोध्या में इस बार निकाय चुनाव बहुत ही दिलचस्प होने वाला है क्योंकि महापौर पद के लिए कुल 9 उम्मीदवार मैदान में उतरे है. इस बार अयोध्या से किसको मेयर का ताज मिलेगा यह अयोध्या की जनता 11 मई को तय करेगी लेकिन यह जरूर है कि इस बार अयोध्या में बगावत की जंग छिड़ चुकी है.


टिकट न मिलने पर अफसोस नहीं:  महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा


अयोध्या के महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा ने कहा कि "बगावत नहीं है. लोगों में केवल भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़कर सदन में पहुंचने के लिए जिज्ञासा है. उस जिज्ञासा के कारण पार्टी में उम्मीदवारों की संख्या बढ़ी है. उन उम्मीदवारों की संख्या बढ़ गई लेकिन टिकट किसी एक को मिलना था. इसको लेकर लगता है कि लोगों में बगावत है. टिकट नहीं मिला लेकिन जो सही बात है वह यह है कि कहीं भी कोई भी बगावत नहीं है. भारतीय जनता पार्टी अयोध्या नगर निगम चुनाव अच्छे बहुमत से जीतने जा रही हैं." 


उन्होंनें आगे कहा कि "मैं एक लंबे समय से, 20 वर्षों के आसपास भारतीय जनता पार्टी में सक्रिय राजनीति कर रहा हूं. मुझे लगता है कि यह दूसरा या तीसरा टर्न था जब मैंने पार्टी से टिकट के लिए निवेदन किया था लेकिन मेरा टिकट नहीं हो पाया.  इसमें कोई भी बुरा मानने की आवश्यकता नहीं है. किसी भी अफसोस की जरूरत नहीं है क्योंकि पार्टी सब विचार-विमर्श करके टिकट करती है और मुझे लगता है कि पार्टी में कहीं न कहीं शीर्ष नेतृत्व ने हमारे प्रत्याशी गिरीश पति त्रिपाठी जी को इस चुनाव के लिए अच्छा महसूस किया होगा. इसके कारण इसकी घोषणा की गई है. हम सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर  चुनाव लड़ रहे हैं. मुझे लगता है कि भारतीय जनता पार्टी अच्छे बहुमत से चुनाव जीतेगी. शरद पाठक बाबा की पत्नी ने नॉमिनेशन किया है. इसकी सूचना पार्टी और शीर्ष नेतृत्व को भी है. हम सब की बातचीत उनसे चल रही थी. अभी भी बातचीत चल रही है. पार्टी के दरवाजे सभी के लिए खुले रहते हैं. शरद पाठक से निरंतर बातचीत का सिलसिला चल रहा है और मुझे ऐसा विश्वास है कि आने वाले दिनों में शरद पाठक बाबा का जो समर्थन है वह भारतीय जनता पार्टी के लिए होगा क्योंकि शरद पाठक बाबा निश्चित रूप से एक राष्ट्रवादी कार्यकर्ता है. जो भी राष्ट्रवादी कार्यकर्ता होगा निश्चित रूप से वह अंत तक भारतीय जनता पार्टी के साथ में खड़ा होगा, मुझे विश्वास है."


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