UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में होने वाले निकाय चुनाव (UP Nagar Nikay Chunav) को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) काफी गंभीर नजर आ रही है. दरअसल, माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश का निकाय चुनाव 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) का सेमीफाइनल है. अगर भाजपा ने इस में अच्छा प्रदर्शन किया, तो इसका सकारात्मक संदेश आएगा और लोकसभा चुनाव की राह आसान हो जाएगी. वहीं, भारतीय जनता पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा, तो यह बीजेपी के 2024 चुनाव के लिए नकारात्मक संदेश जाएगा और विपक्ष इस हार के सहारे उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करेगा.


इसी से बचने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव को हर हालत में जीतने की तैयारी कर रखी है. लिहाजा, आजमगढ़ तीन नगरपालिका सीटें और 13 नगर पंचायत सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अलग-अलग रणनीति बनाई है. सभी सीटों पर एक-एक प्रभारी नियुक्त किया गया है. बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी है कि वह नामांकन से लेकर मतदान तक आजमगढ़ में एक-एक बूथ पर नजर रखें. 


टिकट कटने से नाराज भाजपाई बढ़ा सकते हैं मुश्किलें


आजमगढ़ के नामांकन के समय सांसद रमापति शास्त्री मौजूद रहे. वहीं, उसके बाद चुनाव की जिम्मेदारी जिले के प्रभारी मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने संभाल रखी है, जो लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर रहे हैं, जिससे कि कहीं कोई चूक न रह जाए, लेकिन भारतीय जनता पार्टी की जीत इतनी आसान भी नहीं दिख रही है. समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को कड़ी टक्कर दे रही है और कुछ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी भी मजबूत स्थिति में है. दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के कुछ कार्यकर्ता, जो खुद को प्रत्याशी के रूप में देखते हुए पिछले कुछ समय से काम कर रहे थे. टिकट कटने से वह भी नाराज हैं और यह नाराजगी भी भारतीय जनता पार्टी पर भारी पड़ सकती.


सपा ने सभी 10 सीटें जीतने का किया दावा


वहीं, समाजवादी पार्टी लोकसभा उपचुनाव की हार का बदला भारतीय जनता पार्टी से लेना चाहती है, जिस तरह 2022 विधानसभा चुनाव में सपा ने 10 में से 10 विधानसभा सीटें जीती थी. उसी को दोहराते हुए समाजवादी पार्टी दावा कर रही है कि हम आजमगढ़ की सभी निकाय सीटों को जीतेंगे. अब दोनों दलों के दावे कितने सही साबित होते हैं. यह 13 मई को ही साफ हो पाएंगे.


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