UP Nikay Chunav 2023: इस बार औरैया नगर पालिका सीट पर कब्जा जमाने की कवायद में लगी बीजेपी प्रत्याशी को विजयी बनाने के लिए कोई कसर नही छोड़ रही है. रोजाना एक के बाद एक बड़े मंत्रियों की जनसभाएं देखने को मिल रही हैं. औरैया नगर पालिका की सीट ज्यादातर निर्दलीय प्रत्याशियों के हाथों में रही है. इस बार भी निर्दलीय प्रत्याशी के साथ साथ सपा और बीजेपी की जोरदार टक्कर देखने को मिल रही है. नगर पालिका अध्यक्ष पद पर सपा ने वैश्य नेता को मैदान में उतारा है.
मंत्री नंद गोपाल नंदी को बीजेपी ने क्यों भेजा?
बीजेपी ने ब्राह्मण पर दांव लगाया है. निर्दलीय प्रत्याशी भी ब्राह्मण है. निर्दलीय से सपा और बीजेपी को सीधी टक्कर मिल रही है. सपा के वैश्य प्रत्याशी अनूप गुप्ता का पलड़ा भारी देख बीजेपी ने कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को औरैया भेजा. मंत्री नंद गोपाल नंदी वैश्य समाज से आते हैं. उन्होंने वैश्य समाज और व्यापारियों को रिझाने की कोशिश की. शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए उन्होंने तहसील से बाजार तक रोड शो भी निकाला. औरैया नगर पालिका सीट पर 35 हजार वोटर हैं. वैश्य और ब्राह्मण वोट अधिक है.
नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव हुआ रोचक
बीजेपी ने ब्राह्मण प्रत्याशी राजकुमार दुबे को टिकट दिया है. सपा से 3 बार नगर पालिका का चुनाव लड़ चुके अनूप गुप्ता को टिकट मिला है. चुनाव का हर बार रुख मोड़ने वाले निर्दलीय प्रत्याशी भी ब्राह्मण चेहरे के रूप में टक्कर दे रहे हैं. दोनों दलों का मुकाबला निर्दलीय उम्मीदवार लालजी शुक्ला से है. दो ब्राह्मण चेहरे होने की वजह से औरैया सीट बीजेपी के लिए मुश्किल जरूर है लेकिन नामुमकिन नहीं. बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में उतरे मंत्री नंद गोपाल नंदी ने बताया कि कैसे बीजेपी सरकार में गुंडा राज खत्म हुआ.
उन्होंने विश्वास दिलाया कि आप ट्रिपल इंजन की सरकार बनवा दीजिए, विकास कराने की जिम्मेदारी हमारी होगी. ऐसे में मंत्री नंद गोपाल नंदी के आने से बीजेपी को कितना फायदा होता है, आगे पता चलेगा.
औरैया नगर पालिका अध्यक्ष पद के सपा प्रत्याशी अनूप गुप्ता ने वैश्य समाज के साथ होने का दावा किया. बीजेपी से किसी के आने पर कोई भी फर्क पड़ने वाला नहीं है. आज औरैया में बदलाव की आंधी चल रही है. बदलाव में औरैया की जनता मुझे देख रही है और नगर पालिका का अध्यक्ष बनाने जा रही है. इसलिए हड़बड़ाहट में वरिष्ठ नेताओं को बुलाया जा रहा है लेकिन कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है.
बीजेपी प्रत्याशी राजकुमार दुबे अपनी जीत का दावा करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि नगर पालिका का चुनाव ठीक चल रहा है. जनता का मूड पहले ही बीजेपी को वोट देने का हो चुका है. कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी के आने से वोट बैंक में और इजाफा हुआ है . चुनाव जाति समाज को देखकर नहीं हो रहा है. पार्टी के हिसाब से हो रहा है. लोग बीजेपी की नीतियों से प्रभावित हैं. पार्टी की तरफ से किए गए विकास कार्यो को जान रहे हैं. इसलिए इस बार का चुनाव बीजेपी, समाजवादी पार्टी और बसपा कांग्रेस के बीच चल रहा है किसी जाति विशेष को लेकर नहीं. मंत्री नंद गोपाल नंदी ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने का दावा करते हुए बीजेपी की नीतियों को जनता के बीच जा कर समझा रहे हैं.
सपा सरकार में नौकरी की लगती थी बोली
उन्होंने सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले नौकरियों पर बोली लगा करती थी. सपा सरकार के वक्त यादव होने पर नौकरी में 5 लाख की बोली लगती थी. सैफई इटावा का प्रत्याशी होने पर नौकरी के लिए बोली नहीं बल्कि फ्री में काम हो जाता था. सैफई से बाहर का होने पर पांच लाख, पिछड़ा वर्ग से होने पर 10 लाख और अनुसूचित जाति का होने पर 15 लाख का दाम लगता था. बसपा सरकार में भी दलितों को छूट मिलती थी. बीजेपी में सबसे ज्यादा नौकरी लगी. सभी जाति, धर्म, मजहब के लोगों को नौकरी मिली. नंद गोपाल नंदी ने कहा कि हिंदुस्तान को विश्व गुरु बनता देखने वाला हर व्यक्ति मोदी- योगी के साथ ही प्रचंड बहुमत से हमारे प्रत्याशी को जिताएगा.
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