UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में जीत के लिए सत्ता पक्ष यानी बीजेपी (BJP)और विपक्ष यानी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) जी जान से जुटी हुई है. दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही है. लोकसभा चुनाव से महज साल भर पहले होने वाले इस चुनाव में बीजेपी ने जमीनी पकड़ मजबूत करने के लिए सारे दांव आजमा रही है. बीजेपी इस चुनाव में खासतौर से समाजवादी पार्टी के गढ़ों को ढहाने के फिराक में है.



सपा के गढ़ समझे जाने वाले आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव जीत के बाद बीजेपी काफी उत्साहित हैं. बीजेपी के नेताओं का दावा है कि वह आजमगढ़ निकाय चुनाव की ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज करेंगे. इसके साथ ही पार्टी नेताओं का कहना है कि इस जीत का असर आगामी लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. इसे ध्यान में रहकर बीजेपी ने अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है. निकाय चुनाव के नामांकन के साथ ही बीजेपी के प्रदेश स्तर के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री आजमगढ़ में डेरा जमाए हुए हैं और वह एक-एक सीट पर जीत की रणनीति बना रहे हैं.


सपा का गढ़ रहा है आजमगढ़


गौरतलब है कि आजमगढ़ में समाजवादी पार्टी का दबदबा रहा है. 2022 की विधानसभा चुनाव की बात करें तो समाजवादी पार्टी ने जिले की 10 में से 10 विधानसभा सीटें जीती थी. पार्टी को ये जीत ऐसे वक्त में मिली थी, जब उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी काफी मजबूत स्थिति में उभरकर आई थी. इसके बाद भी समाजवादी पार्टी की आजमगढ़ में बड़ी जीत ने इस बात को साबित किया था कि अब भी आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ बना हुआ है.


2022 की जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी भी आजमगढ़ को लेकर गंभीर हुई और उसने अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद आजमगढ़ लोकसभा सीट के लिए हुए उपचुनाव में दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को प्रत्याशी बनाकर जीत हासिल करने में सफल रही.


सपा ने सभी सीटें जीतने का किया दावा


वहीं, समाजवादी पार्टी का कहना है आजमगढ़ हमेशा समाजवादी का गढ़ रहा है. यहां के लोग समाजवादी लोग हैं. भारतीय जनता पार्टी जाति और धर्म में बंटवारा कर चुनाव जीती है. विकास से वह कोसों दूर है. लोकसभा चुनाव में अगर हमसे थोड़ी चूक हुई, तो इससे अब हम और सावधानी और मजबूती के साथ मुकाबला करेंगे और 2022 की तरह सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी को जीत दर्ज कराएंगे.


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