UP Nikay Chunav 2023: अयोध्या में निकाय चुनाव इस बार बहुत ही दिलचस्प होने जा रहा है. सभी राजनीतिक पार्टीयों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया हैं.  इस बार अयोध्या में कुल 9 मेयर प्रत्याशी मैदान में है. इस बार देखना होगा कि किसके सर पर मेयर का ताज होगा. हालांकि अयोध्या बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यही वजह है कि हर किसी की निगाहें अयोध्या मेयर चुनाव पर टिकी हुई है लेकिन यह जनता तय करेगी की अयोध्या का मेयर कौन होगा. 11 मई को मतदान के बाद ही तय होगा कि अयोध्या से किसका किस्मत चमकने वाला है.


अयोध्या निकाय चुनाव को लेकर बसपा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने यहां तक कह दिया है कि हमारी सीधी लड़ाई भाजपा से है. इसके अलावा कोई भी पार्टी उसके टक्कर में नहीं है. वहीं सवाल यह है कि अयोध्या तो भाजपा का गढ़ माना जाता है लेकिन बसपा के प्रदेश अध्यक्ष इस सीट से जीत का दावा कर रहे हैं. खैर उनका दावा कितना मजबूत साबित होता है यह 11 मई को जब मतदान होगा तब जनता तय करेगी. अब कई सवालो का जवाब अयोध्या की जनता ही देगी.


 जीत के लिए बसपा का जातिय समीकरण


बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि "अयोध्या का चुनाव बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी राममूर्ति यादव के पक्ष में पूरा समीकरण बन गया है क्योंकि लगभग पिछड़ा समाज 130000 है 55000 एससी समाज है. मुस्लिम समाज लगभग 40,000 है और ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य समाज के लोग भी चाह रहे हैं कि बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी को जिताया जाए. यहां पर जो मेयर थे भारतीय जनता पार्टी के उन्होंने ढाई साल पहले तमाम ग्रामीण क्षेत्रों को महापालिका में शामिल किया गया था. जिसमें ग्राम प्रधानों का भी चार्ज छीन लिया गया था और जो मेयर थे बीजेपी के और इनके द्वारा भी कोई काम नहीं किया गया है. इस सीट पर लड़ाई सीधी बीजेपी और बसपा की है और कोई दल लड़ाई में अगल-बगल दिखाई नहीं पड़ रहा है.  इसमें आम जनता बसपा और बीजेपी की लड़ाई देख रहा है. बीएसपी को बीजेपी के विकल्प में बीएसपी को अच्छा मान रही है.


उन्होनें आगे कहा कि राममूर्ति यादव आशापुर से ग्राम प्रधान और बीडीसी भी रहे हैं. वे बहुत ही अच्छे व्यक्ति हैं. उनका जो यहां पर व्यक्तित्व है मेयर सीट के लिए सभी लोग उनको चाह रहे हैं. हमारे पार्षद भी अच्छी संख्या में जीत करके आएंगे. गलत तरीके से लोगों से हाउस टैक्स लिया जा रहा है पूरे शहर में रास्ते ध्वस्त हैं. गंदगी पूरे शहर में चरम सीमा पर है. जब हमारे मेयर प्रत्याशी राममूर्ति यादव जीत करके आएंगे तो इन सब कामों को भलीभांति कराएंगे. सभी दलों में बगावत है भारतीय जनता पार्टी में कई दावेदार थे और कई लोग निर्दल भी लड़ रहे हैं लेकिन बहुजन समाज पार्टी में कोई भी बगावत नहीं है. यादव बहुजन समाज पार्टी के मजबूत कार्यकर्ता रहे हैं और कई वर्षों से बहुजन समाज पार्टी में इमानदारी से सेवा कर रहे हैं. विधानसभा चुनाव में भी बसपा बूथ लगाने का काम वह कर रहे हैं और उनकी यादव समाज में बहुत बड़ी पकड़ है. हमको पिछड़े समाज में देना था यहां पर मेयर की सीट बहुजन समाज पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो एक दावा करते हैं कि जिसकी जितनी संख्या भारी उतनी उसकी हिस्सेदारी. बहुजन समाज पार्टी के साथ हर समाज के लोग हैं और समाजवादी पार्टी पिछले चुनाव में भी मेयर का खाता नहीं खुला था और बहुजन समाज पार्टी बहुत ही मजबूती के साथ भाजपा को टक्कर देने का काम पिछले चुनाव में भी किया था.


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