UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए नामांकन की तारीख खत्म हो चुकी है. जिसके बाद अब प्रचार अभियान तेज होने लगा है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और बीएसपी (BSP) के फैसलों को लेकर हो रही है. सपा ने मेयर पद के लिए चार मुस्लिम और बीएसपी ने 11 मुस्लिम (Muslim) उम्मीदवारों को टिकट दिया है. 


सपा ने अपने सभी 17 मेयर पद के उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. दूसरी ओर अखिलेश यादव ने चार मुस्लिमों को मेयर का टिकट दिया. सपा ने फिरोजाबाद से मशरुर फातिमा, सहारनपुर से नूर हसन मलिक, अलीगढ़ से जमीर उल्ला खां और मुरादाबाद से सैय्यद रईस उद्दीन को मेयर का उम्मीदवार बनाया है. दूसरी ओर पार्टी ने केवल एक यादव को टिकट अपने कोर वोटर्स के साथ अन्य जातिगत समीकरणों को जोड़ने पर जोर दिया है. पार्टी ने केवल गाजियाबाद से यादव के मेयर का टिकट दिया है.


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सपा को BSP की चुनौती
हालांकि मायावती ने भी अखिलेश यादव के समीकरण को बिगाड़ने का पूरा प्रयास निकाय चुनाव में किया है. पार्टी ने 17 मेयर उम्मीदवारों में से 11 टिकट मुस्लिमों को दिए हैं. पार्टी ने पहले चरण के 10 सीटों पर उम्मीदवार का एलान किया था, इसमें छह मुस्लिम प्रत्याशी उतारे थे. इसके बाद दूसरे चरण के सात उम्मीदवारों में से पांच मुस्लिम को टिकट दिया है. बीएसपी ने अलीगढ़ में सपा के मुस्लिम उम्मीदवार के सामने अपना मुस्लिम उम्मीदवार उतारा है. 


गौरतलब है कि बीएसपी ने मेरठ, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, अलीगढ़, बरेली से मुस्लिम प्रत्याशियों पर दांव लगाया है. यानी पार्टी की सपा के कोर वोटर्स में सेंध लगाने की पूरी कोशिश की है. बीएसपी के इस फैसले की मुख्य वजब बीते दिनों में सपा की बदली हुई रणनीति को माना जा रहा है. सपा ने कोलकाता अधिवेशन के बाद अपने मुस्लिम और यादव के समीकरण को मजबूत करने लिए अनुसूचित जाति के वोटर्स को जोड़ने की रणनीति बनाई थी. लेकिन अब बीएसपी ने सपा के वोटर्स में सेंधमारी की तैयारी शुरू कर दी है.