UP Nagar Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव की सरगर्मियों के बीच चित्रकूट (Chitrakoot) में बीजेपी (BJP) का प्रत्याशी घोषित होने के बाद नगरपालिका कर्वी के बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र गुप्ता और उनके सगे भतीजे शानू गुप्ता आमने सामने उतर आए हैं. सियासत की लड़ाई दो परिवारों के बीच में विवाद की बड़ी रार डाल चुकी है और सियासी धर्मयुद्ध की शुरुआत हो चुकी है. नगर पालिका कर्वी शहर के निवर्तमान अध्यक्ष नरेंद्र गुप्ता को बीजेपी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है जिसके बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर है लेकिन उनकी भतीजे को ये बात नागवार गुजरी है.
दरअसल, नरेंद्र गुप्ता ने 2017 में सपा के सिंबल से चुनाव लड़ा और भारी मतों के साथ चेयरमैन पद पर जीत हासिल की थी, जिसके बाद कुछ ही महीनों में नरेंद्र गुप्ता बीजेपी में शामिल हो गए थे. साइकिल से कूदकर कमल में आने के बाद उन्होंने भाजपा में धीरे-धीरे अपना भरोसा बनाने में कामयाबी हासिल की और अब पार्टी ने सीधे तौर पर पहली बार नरेंद्र गुप्ता को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है.
चित्रकूट में आमने-सामने आए चाचा-भतीजे
प्रत्याशी घोषित होने के बाद नरेंद्र गुप्ता अपने कैंप कार्यालय पहुंचे जहां पर समर्थकों ने ढोल-ताशे बजाकर उनका स्वागत किया. इस दौरान उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद दिया और कहा कि वो पार्टी के आभारी है कि उन्हें बीजेपी ने एक बार फिर से मौका दिया है. उन्होंने कहा कि अपने पिछले कार्यकाल में उन्होंने जो काम किए है उसके आधार पर उनकी जीत तय है. लेकिन इस जंग में अब उनके खिलाफ भतीजे शानू गुप्ता ने मैदान में ताल ठोकने की तैयारी कर दी है.
इस बारे में जब नरेंद्र गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मीडिया के सामने भले पारिवारिक कलह हो लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है परिवार उनके साथ है और परिवार का वोट भी उनके ही खाते में ही आएगा. शानू गुप्ता के सामने होने से उन्हें कोई फर्क नही पड़ेगा जनता उनके साथ है. वहीं दूसरी शानू गुप्ता टिकट न मिलने के बाद आक्रोश में है बगावत में उतर आए है. उन्होंने चाचा के कामों पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि पहले उनकी वजह से युवाओं ने चाचा का साथ दिया लेकिन पांच सालों में उन्होंने कुछ नहीं किया है जिससे मतदाता नाराज है और अब उन्होंने खुद चुनाव लड़ने का फैसला लिया है.
निकाय चुनाव से पहले चाचा भतीजे की ये लड़ाई बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है. देखना होगा दिलचस्प होगा कि इस सियासी लड़ाई में किसकी फतह होती है.