UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (Congress) की क्या हालत है ये किसी से छुपा नहीं हैं बावजूद इसके पार्टी में अंतर्कलह कम होने का नाम नहीं ले रही है. निकाय चुनाव से पहले कानपुर कांग्रेस में एक बार फिर से पार्टी में घमासान देखने को मिला है. कानपुर शहर कांग्रेस अध्यक्ष पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सर्व धर्म समभाव को मिटाने का आरोप लगाया है. कांग्रेस की ओर से इफ्तार पार्टी (Iftar Party) का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी (Brijlal Khabri) ने भी शिरकत की थी, अब कार्यकर्ताओं का कहना है कि होली (Holi) और राम नवमी (Ramnavami 2023) पर तो इस तरह के आयोजन नहीं हुए थे.
निकाय चुनाव को लेकर सभी सियासी दल अपनी-अपनी कमर कस चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस के बड़े नेता इन चुनावों में पूरी ताकत से उतरने के दावे कर रहे हैं. इस बीच कानपुर में कांग्रेस में गुटबाजी धरातल पर उतर आई है. घमासान इतना मचा हुआ है कि कांग्रेस का एक गुट ने दूसरे पर सर्व धर्म समभाव को चोट पहुंचाने और बिगाड़ने के आरोप तक लगा दिया है.
इफ्तार पार्टी के बाद कांग्रेस में कलह
दरअसल, रविवार को कांग्रेस कार्यालय में इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया था, जिसमें प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने भी शिरकत की थी. इस दौरान पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने शिकायत इसकी शिकायत की कि वर्तमान जिला अध्यक्ष नौशाद अली मंसूरी की वजह से पार्टी की सर्व धर्म सद्भाव वाली छवि खराब हो रही है. हर साल होली और रामनवमी पर पार्टी की ओर से आयोजन होते हैं, लेकिन इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ. कांग्रेस कार्यालय में इफ्तार पार्टी का जब आयोजन हुआ तो मामले ने तूल पकड़ लिया.
पार्टी के पूर्व अध्यक्षों ने भी पार्टी की परंपराओं को तोड़ने पर एतराज जताया है. उनका कहना है कि एक ओर जहां एमआईएम भाजपा जैसी पार्टियां धार्मिक आधार पर समाज को बांटने में जुटी हैं वहीं अगर कांग्रेस भी ऐसी ही गलत परंपरा का हिस्सा बनती है तो इससे चुनाव में नुकसान होगा. वहीं ज़िलाध्यक्ष नौशाद का कहना है कि कांग्रेस में कुछ भाजपा प्रवृत्ति के लोग आ गए हैं, जो गुटबाज़ी को बढ़ाने और पार्टी को इस वक़्त नुकसान पहुंचाने का काम कर रहे हैं.
पूर्व अध्यक्ष हर प्रकाश अग्निहोत्री की माने तो पार्टी की परंपराओं का निर्वहन करना बेहद जरूरी है ताकि किसी कार्यकर्ता को ऐसा ना लगे कि पार्टी में किसी प्रकार का भेदभाव हो रहा है. यह चिंताजनक है शहर अध्यक्ष को चाहिए कि वह पुरानी परंपराओं का जिम्मेदारी के साथ निर्वहन करें ताकि पार्टी की छवि को किसी तरह का नुकसान ना पहुंचे. उनका कहना है कि रामनवमी और होली मिलन आयोजन ना होना पार्टी के लिए अच्छा नहीं है क्योंकि कुछ ही दिनों में निकाय चुनाव भी होने हैं. ऐसे में अगर पूर्व अध्यक्ष से अगर समन्वय बनाकर रखा जाए तो इस तरह की चूक से बचा जा सकता है. जानकारों का कहना है कि जिस तरह से कांग्रेस में कलह मची हुई है इसका फायदा अन्य दलों को जरूर मिल सकता है.
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