UP Nikay Chunav 2023: निकाय चुनाव में कुछ यूं कैंडिडेट चुनेंगी बीजेपी और सपा, दोनों पार्टियों ने बनाया खास प्लान
UP Nikay Chunav 2023: यूपी नगर निकाय चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. इस बार यूपी में बीजेपी और सपा के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: उत्तर प्रदेश में होने वाले निकाय के चुनाव सत्ताधारी बीजेपी (BJP) के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हमेशा से यह माना जाता रहा है कि बीजेपी शहर की पार्टी है और जब भी शहर में सरकार चुनने की बारी आती है तो जनता पार्टी पर भरोसा जताती है. इसीलिए इस चुनाव को लेकर बीजेपी लगातार अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी है. पार्टी उम्मीदवार को लेकर मंथन कर रही है, आईए आपको बताते हैं कि बीजेपी में कैसे उम्मीदवारों का चयन होगा.
भारतीय जनता पार्टी में प्रत्याशी चयन की एक प्रक्रिया है, नाम नीचे से भेजे जाते हैं और फिर प्रदेश स्तर पर उन नामों पर चर्चा करके उम्मीदवार घोषित किए जाते हैं. निकाय चुनाव में 17 नगर निगमों में मेयर पद के लिए जो चुनाव होना है उसमें मेंयर कैंडिडेट चुनने के लिए बीजेपी ने सभी 17 नगर निगमों में सरकार के मंत्रियों को प्रभारी बनाया है. जबकि पार्टी संगठन से भी एक एक व्यक्ति को उन नगर निगमों में प्रभारी बनाया गया है. इसके अलावा जो महानगर अध्यक्ष जिला अध्यक्ष और उस शहर के सारे विधायक, विधान परिषद के सदस्य, सांसद राज्यसभा के सांसद, जिले के महामंत्री यह पूरी जिले की कमेटी है इसके अलावा उस शहर में रहने वाले प्रदेश के जो भी पदाधिकारी वह सब उस कमेटी में शामिल होते हैं.
बीजेपी में ऐसे होगा उम्मीदवारों का चयन
ये कमेटी तीन-तीन नामों का एक पैनल तैयार करती है और उसे प्रदेश नेतृत्व को भेजती है, यानी वह लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर भेजे जाते हैं. जिसके बाद मेयर के लिए उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा होती है तो उसके लिए बीजेपी की जो कोर कमेटी वह बैठक करती है. जिसमें मुख्यमंत्री दोनों उपमुख्यमंत्री प्रदेश अध्यक्ष और महामंत्री संगठन शामिल है, वो लोग जो तीन-तीन नामों का पैनल आया है उस पर चर्चा करेंगे, और उनमें से जो नाम होंगे उन्हें शीर्ष नेतृत्व को भेजा जाएगा.
नगर पालिका अध्यक्ष के लिए भी नाम जिले से ही आएंगे और लखनऊ से उन्हें स्वीकृति मिलेगी. इसी तरह नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के लिए जो भी उम्मीदवार होंगे उनके नाम लखनऊ तो भेजे जाएंगे लेकिन उम्मीदवारों के नाम घोषित क्षेत्र से ही किए जाएंगे. लखनऊ से सिर्फ इनकी स्वीकृति ली जाएगी. निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी ने निर्देश दिया है कि 12 अप्रैल को सभी जिलों में कोर कमेटी की बैठक करके तीन-तीन नामों का पैनल लखनऊ भेज दिया जाए. इनमें मेयर के नाम पर चर्चा करने के लिए 13 अप्रैल को पार्टी की कोर कमेटी की बैठक हो सकती है.
दो चरणों में निकाय चुनाव का मतदान
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है प्रदेश में 2 चरणों में यह चुनाव होंगे. पहले चरण में 4 मई को वोट डाले जाएंगे जबकि दूसरे चरण में 11 मई को वोटिंग होगी. चुनाव के नतीजे 13 मई को आएंगे, वहीं पहले चरण में जिन जिलों में वोटिंग होनी है वहां नामांकन की प्रक्रिया 11 अप्रैल से शुरू होकर 17 अप्रैल तक जारी रहेगी. चुनाव की घोषणा के साथ ही सभी सियासी दल इस चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में जुट गए हैं. सपा ने भी उम्मीदवारों के चयन के लिए अलग व्यवस्था बनाई है.
सपा में प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया
समाजवादी पार्टी ने मेयर पद के उम्मीदवार को चुनने के लिए इस बार अलग व्यवस्था की है. पार्टी ने नगर निगम के चुनाव के लिए ऑब्ज़र्वर बीते वर्ष अगस्त महीने में ही घोषित कर दिए थे. इसमें पार्टी के विधायक सांसद पूर्व विधायक शामिल है. ये आब्जर्वर अलग-अलग शहरों में तैनात किए गए हैं. ये वह उस शहर के जो विधायक हैं, जो नगर की कमेटी है, जिला अध्यक्ष है, अगर वहां कोई पार्टी का सांसद है, हारे हुए विधानसभा के उम्मीदवार और हारे हुए लोकसभा के उम्मीदवार, वहां के सेक्टर प्रभारी इन लोगों के साथ बैठक करके, आब्जर्वर आवेदन करने वाले नामों पर चर्चा करेंगे और दो-तीन या फिर अधिकतम 4-5 नामों का पैनल तैयार कर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भेजेंगे. नगर निगम में मेयर पद का उम्मीदवार कौन होगा इसका आखिरी फैसला अखिलेश ही करेंगे.
अखिलेश यादव लगाएंगे अंतिम मुहर
सपा ने नगर निगम चुनाव की तैयारी काफी पहले ही शुरू कर दी थी, इसीलिए अलग-अलग नगर निगम में ये पर्यवेक्षक कहीं-कहीं पांच तो कहीं 6 बार अब तक बैठक कर चुके हैं और कुछ-कुछ नगर निगमों में नामों का जो पैनल है वो अखिलेश यादव को भेजा भी जा चुका है. जैसे लखनऊ नगर निगम के लिए कुल 14 लोगों ने नगर कार्यालय पर आवेदन किया था, कई बैठकों के बाद इनमें से 5 से 6 नामों का पैनल तैयार करके राष्ट्रीय अध्यक्ष को भेजा जा चुका है. इसी तरह वाराणसी से भी तीन से चार नामों भेजे जा चुके हैं.
नगर पालिका और नगर पंचायत के अध्यक्ष के चयन के लिए भी प्रक्रिया कुछ इसी तरह की है, हालांकि वहां जिले की कमेटी विधायक, पूर्व विधायक, सांसद पूर्व सांसद तीन चार नामों का पैनल तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष को भेजेंगे और प्रदेश अध्यक्ष फिर उन नामों की स्वीकृति राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर नाम घोषित करेंगे.
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