UP Nikay Chunav 2023: यूपी नगर निकाय चुनाव के परिणामों के बीच बहुजन समाज पार्टी चीफ मायावती और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गंभीर आरोप लगाए हैं. दोनों नेताओं ने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी पर आरोप लगाए हैं. अब उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने उनके आरोपों पर पलटवार किया है.


केशव ने कहा- चुनाव जीतने को ठीक बताना,हारने पर व्यवस्था को ख़राब बताना, विपक्षी दलों का फ़ैशन,निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग/ व्यवस्था में लगे पुलिस/प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों को बधाई,कोई भी चुनाव लोकतंत्र का महोत्सव होता है, हार जीत उसका हिस्सा, पाँच साल में फिर चुनाव होगा!



UP Nikay Results 2023: यूपी निकाय चुनाव में अभी इन सीटों के नतीजों का हो रहा इंतजार, अधिकारियों ने बताई देरी की वजह


बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने नगर निकाय चुनावों के परिणामों पर असंतोष जाहिर करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया कि सत्ताधारी पार्टी धांधली से अधिकतर सीट जाती है और इस बार भी चुनाव में ऐसा ही हुआ है.


उन्होंने चेतावनी दी कि सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बसपा चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर BJP को इसका जवाब जरूर मिलेगा.


बसपा चुप होकर बैठने वाली नहीं
बसपा प्रमुख मायावती ने रविवार को सत्तारूढ़ BJP पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया, ‘‘उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में BJP के साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेक हथकंडों के इस्तेमाल के साथ ही साथ इनके द्वारा सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग से बसपा चुप होकर बैठने वाली नहीं है, बल्कि वक्त आने पर इसका जवाब BJP को जरूर मिलेगा.’’


नगर निगमों में मतपत्र से मतदान की प्रासंगिकता पर जोर देते हुए उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘साथ ही, तमाम विपरीत हालात का सामना करते हुए बसपा पर भरोसा करके पार्टी उम्मीदवारों को वोट करने के लिए लोगों का तहेदिल से आभार व शुक्रिया. अगर यह चुनाव भी मुक्त एवं निष्पक्ष होता तो नतीजों की तस्वीर कुछ और होती. मतपत्र से चुनाव होने पर बसपा महापौर चुनाव भी जरूर जीतती.’’


मायावती ने BJP के साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) पर भी निशाना साधते हुए अगले ट्वीट में कहा, ‘‘वैसे चाहे BJP हो या सपा दोनों ही पार्टियां सत्ता का दुरुपयोग करके ऐसे चुनाव जीतने में एक-दूसरे से कम नहीं हैं, जिस कारण सत्ताधारी पार्टी ही धांधली से अधिकतर सीट जीत जाती है और इस बार भी इस चुनाव में ऐसा ही हुआ, यह अति-चिन्तनीय है.’’