UP Nikay Chunav 2023: यूपी की इस सीट पर अखिलेश से बड़ा है शिवपाल यादव का नाम? सपा प्रत्याशी की एकतरफा जीत का दावा
Etawah Nikay Chunav 2023: जसवंतनगर नगर पालिका परिषद में 30 हजार वोटर चुनाव में वोट करेंगे. इनमें सबसे अधिक यादव और मुस्लिम वोटर हैं. इनके बलबूते सपा अब तक एकतरफा चुनाव जीत कर परचम लहराती आ रही है.
UP Nagar Nikay Chunav 2023 : उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) की जसवन्तनगर नगर पालिका परिषद में शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) का असर देखने को मिल रहा है. जसवंतनगर (Jaswantnagar) की जनता का कहना शिवपाल सिंह यादव के आशीर्वाद से सपा प्रत्याशी की एकतरफा जीत होगी. लोगों का कहना है कि यहां से बीजेपी (BJP) नाम के लिए चुनाव लड़ रही है.
"करीबियों की हुई अनदेखी"
इधर, निकाय चुनाव में शिवपाल सिंह यादव के करीबी लोगों को टिकट न मिलने से उनकी अनदेखी की बात भी कही जा रही है. अजय त्रिपाठी मुन्ना के बीजेपी और इटावा में इदरीस अंसारी के बीएसपी में शामिल होने पर प्रसपा के पूर्व प्रदेश सचिव ने कहा कि पूरा परिवार एक है. सर्वे के हिसाब से टिकट दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग पार्टी छोड़ चुके है, उनकी बात का कोई वजूद नहीं है.
यहां शिवपाल के नाम पर ही जीत
इटावा की जसवंतनगर नगर पालिका परिषद में होने वाले निकाय चुनाव में जसवंतनगर की जनता ने सपा की बड़ी जीत का दावा किया है. यहां पर शिवपाल सिंह का बड़ा प्रभाव माना जाता है. यहां शिवपाल सिंह यादव जिस पर हाथ रख देते है, उसकी जीत पक्की मानी जाती है.
सपा के सिंबल से बड़ा है कद
पिछले निकाय चुनाव में जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव की पूर्व पार्टी प्रसपा के प्रत्याशी ने समाजवादी पार्टी को जसवंतनगर में मात दे दी थी. इससे इस बात को समझा जा सकता है कि जसवंतनगर में शिवपाल सिंह यादव का कद सपा के सिंबल से भी बड़ा नजर आता है. अब यहां के चुनावी समीकरण पूरी तरह से सपा के पक्ष में हैं. कारण यह कि अब शिवपाल की सपा में वापसी हो चुकी है. ऐसे में जसवंतनगर नगर पालिका परिषद जो कि अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व की गई है, यहां से सपा के प्रत्याशी सत्यनारायण शंखवार की जीत तय मानी जा रही है.
सबसे अधिक हैं यादव और मुस्लिम वोटर
जसवंतनगर नगर पालिका परिषद जहां 30 हजार वोटर चुनाव में वोट करेंगे. इनमें सबसे अधिक यादव और मुस्लिम वोटर हैं. इनके बलबूते सपा अब तक एकतरफा चुनाव जीत कर अपना परचम लहराती चली आ रही है. यही वजह है कि यहां सपा के सामने अन्य पार्टियां केवल अपने प्रत्याशी खड़ा कर चुनाव में अपनी मौजूदगी का एहसास भर करा पाती हैं.
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