Hathras Nikay Chunav 2023: हाथरस नगर पालिका अध्यक्ष (Hathras municipality) पद के प्रत्याशी के चुनाव कार्यालय का शुभारंभ करने के लिए हाथरस के प्रभारी और समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण (Aseem Arun) पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मतदाताओं से बीजेपी (BJP) प्रत्याशी के समर्थन में वोट देने व दिलाने की अपील की.
बीजेपी ने इस बार हाथरस से सांसद रहे राजेश दिवाकर की पत्नी श्वेता दिवाकर को प्रत्याशी बना कर उनके हाथों में जीतने के लिए टिकट थमाई है. इस चुनाव में श्वेता के साथ ही हाथरस प्रभारी मंत्री असीम अरुण के साथ कई मंत्री और पूर्व सांसद की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है.
सपा के पक्ष में दिख रहे हैं जातीय समीकरण
वहीं, समाजवादी पार्टी ने एडवोकेट लल्लन बाबू को टिकट देकर बड़ी दांव खेला है. लल्लन बाबू पहले भी नगर पालिका चुनाव में अपना लक निर्दलीय आजमा चुके हैं. उन्हें 2012 में बीजेपी प्रत्याशी डॉली माहौर ने 1 हजार वोटों से हराया था, लेकिन अब माहौल बदल गया है, पहले वो निर्दलीय प्रत्याशी थे. इस बार सपा की टिकट पर वे चुनाव लड़ रहे हैं. इसके साथ ही सीमा विस्तार के बाद जातीय समीकरण भी उनकी मजबूती की ओर इशारा कर रहा है.
चुनाव में ये मुद्दे हैं अहम
हाथरस नगर पालिका चुनाव में बंदरों का आतंक, टूटी सड़के और घरों व सड़कों पर जल भराव की समस्या बड़ा मुद्दा है. 2023 के निकाय चुनावों में होने वाले चुनाव पर नज़र डालें तो इस बार भाजपा और सपा के बीच बड़ी फाइट मानी जा रही है. दरअसल, नगर पालिका के सीमा विस्तार के बाद जातियों के समीकरण का खेल बिगड़ गया है. यहां पिछले दो पालिका चुनाव में बीजेपी ने अपना परचम लहराया था. 2017 में एक लाख 40 हजार 8 सौ 74 मतदाता थे, जो सीमा विस्तार के बाद एक लाख 71 हजार 8 सौ 47 हो गए हैं. हाथरस नगर पालिका के 35 वार्डों के एक लाख 71 हज़ार 8 सौ 47 मतदाता 54 मतदान केंद्रों पर 11 मई को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे.
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