Kanpur Nikay Chunav 2023: कानपुर में नगर निगम का मेयर कौन होगा यह 13 मई को पता चलेगा, लेकिन उससे पहले राजनीतिक दल अपने हिसाब से सियासी समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं. वहीं कानपुर के रामबाग इलाके में रहने वाली वंदना बाजपेई जिन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में महापौर पद के लिए नामांकन किया है. हालांकि ये वो वंदना बाजपेई नहीं है जो समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार है और सपा विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी है, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरने वाली वंदना बाजपेई बेबाक होकर कहती हैं कि वह शहर के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं लेकिन इन सबके बीच उन पर डमी कैंडिडेट होने का आरोप लगाया जा रहा है. जिस पर भी वह बेबाकी से अपने आपको डमी कैंडिडेट मानने को तैयार नहीं है.


इस बीच निकाय चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में वार पलटवार का दौर चल रहा है. कानपुर में महापौर का चुनाव सबसे दिलचस्प और रोचक मुकाबले के रूप में देखा जा रहा है. समाजवादी पार्टी ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने अपनी हार को देखते हुए डमी कैंडिडेट के रूप में वंदना बाजपेई नाम की निर्दलीय प्रत्याशी को मैदान में उतारा है. समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी ने डमी प्रत्याशी जरूर उतारा हो लेकिन बीजेपी उनकी पार्टी के प्रत्याशी से डरी हुई हैं.


इसके साथ ही बीजेपी ने सपा विधायक अमिताभ बाजपेई के आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा है कि लोकतंत्र में किसी को भी कोई भी चुनाव लड़ने की पूरी तरह छूट होती है. बीजेपी की प्रत्याशी प्रमिला पांडे हैं और समाजवादी पार्टी के द्वारा लगाए गए आरोप केवल और केवल कुंठा का प्रतीक है.


वहीं बीजेपी नेता आभा द्विवेदी ने कहा कि समाजवादी पार्टी का कहना है कि उनके पास भी बीजेपी के कैंडिडेट जैसे नाम वाले दो-तीन लोग थे. लेकिन उन्होंने इतनी सस्ती लोकप्रियता या चुनावी लड़ाई को इस हद तक ले जाने के बारे में कभी भी नहीं सोचा. उनका कहना है कि भारतीय जनता पार्टी समाजवादी पार्टी का मुकाबला करने की स्थिति में नहीं है और इसीलिए ऐसा किया गया है हालांकि भारतीय जनता पार्टी ने सपा के सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया है. यानी आने वाले दिनों में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच शब्द बाण और ज्यादा तीखे होने जा रहे हैं.


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