UP Nagar Nikay Chunav 2023: कानपुर में महापौर पद को लेकर राजनीतिक दलों की जंग बेहद रोमांचक हो गई है. प्रचार के 3 दिन और बचे हैं ऐसे में सभी सियासी दलों ने अपनी तैयारी को और तेज कर दिया है और पूरी ताकत झोंकना शुरू कर दिया है. कानपुर (Kanpur) की बात की जाए तो प्रचार के आखिरी दिन सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) आएंगे तो वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhliesh Yadav), डिंपल यादव (Dimple Yadav) और चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) भी अपने प्रत्याशियों के समर्थन में रोड शो और रैली करने पहुंच रहे हैं.
कानपुर निकाय चुनाव प्रचार के लिए आखिरी दिनों में दिग्गज यहां पहुंच रहे हैं. इस सभी के बीच एक कॉमन फैक्टर देखा जा रहा है वो है कानपुर की किदवई नगर विधानसभा. यहां चुनाव भले ही महापौर पद पर हो रहा हो लेकिन किदवई नगर विधानसभा हॉट सीट बन चुकी है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि सीएम योगी की होने वाली जनसभा किदवई नगर विधानसभा में होगी, केशव प्रसाद मौर्य भी यहीं पर पिछड़ा वर्ग सम्मेलन कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ 8 और 9 मई को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, शिवपाल सिंह यादव और डिंपल यादव भी यहीं पर रोड शो, रैली, बैठक और जनसभा करने जा रहे हैं.
किदवई नगर पर सबसे ज्यादा फोकस
कांग्रेस का कहना है कि उनके वरिष्ठ नेता और तीन बार के विधायक रह चुके अजय कपूर का फैक्टर और कांग्रेस की ब्राह्मण प्रत्याशी की वजह से सपा और बीजेपी को डर लग रहा है, इसलिए दोनों ही दलों के दिग्गज इस विधानसभा पर फोकस कर रहे हैं. दरअसल किदवई नगर विधानसभा को शहर की ब्राह्मण बहुल सीट कहा जाता है. यहां सबसे ज्यादा करीब दो लाख ब्राह्मण है जो काफी मायने रखते हैं. ये किसी भी दल को सियासी समीकरण को बढ़ाने के लिए काफी हैं.
जानें क्या है असल वजह?
गौर करने वाली बात है कि महापौर पद प्रत्याशी के रूप में सपा, बीजेपी और कांग्रेस ने ब्राह्मण प्रत्याशियों पर दांव लगाया है और सभी दल ब्राह्मणों को अपने पाले में करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते. ऐसे में दोनों ही दलों के दिग्गज नेता ब्राह्मण मतों में सेंधमारी और अपने पाले में करने के दांव के तहत यहां प्रचार युद्ध के अंतिम में पहुंच रहे हैं. सभी दलों के अपने-अपने दावे हैं, लेकिन जानकार बता रहे हैं कि जिस तरह शहर में 22.50 लाख मतदाताओं में करीब आठ लाख मतदाता ब्राह्मण है और कहा जाता है कि ब्राह्मण मतदाता जिस पार्टी की तरफ रुख करता है उसे महापौर की कुर्सी मिल जाती है. ऐसे में ब्राह्मण बहुल विधानसभा क्षेत्र किदवई नगर में रोड शो रैली बैठक और जनसभा के जरिए कोई भी सियासी दल कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता है.
कांग्रेस ने बढ़ाई सपा-बीजेपी की मुश्किलें
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि कांग्रेस पार्टी शहर में हर विधानसभा में बुरी तरह हार का स्वाद चखती है, लेकिन कांग्रेसी दिग्गज अजय कपूर यहां से साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में भी करीब 75 हजार वोट पाने में सफल रहे. दूसरी बात यह कि कांग्रेस की ब्राह्मण प्रत्याशी आशनी विकास अवस्थी खुद किदवई नगर विधानसभा की रहने वाली है और ब्राह्मण वोटों में बड़ी सेंधमारी उनके द्वारा की जा सकती है. ऐसी संभावना जताई जा रही है इन्हीं सब सियासी नफा नुकसान को देखते हुए सपा और भाजपा ने अपनी रणनीति को अंजाम देते हुए अपने दिग्गज नेताओं को किदवई नगर विधानसभा में उतारने का पूरा प्लान बना लिया है.
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