(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
UP Nikay Chunav 2023: कानपुर में निकाय चुनाव से पहले बीजेपी ने चला छात्रसंघ चुनाव वाला दांव, सपा की मुश्किलें बढ़ना तय!
UP Nikay Chunav 2023: कानपुर निकाय चुनावों से पहले बीजेपी ने छात्र संघ चुनाव का दांव चल दिया है. बीजेपी से जुड़े छात्र संघ नेताओं ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को मांग पत्र सौंपा है.
UP Nikay Chunav 2023: कानपुर निकाय चुनावों से ऐन पहले भारतीय जनता पार्टी ने छात्र संघ की राजनीति करने वाले छात्रों को अपने पाले में लाने के लिए बड़ा दांव चल दिया है. साल 2008 से छात्र संघ चुनाव कानपुर में नहीं हो रहे हैं ऐसे में कानपुर में निकाय चुनावों की बैठकों और प्रचार प्रसार के लिए पहुंचे उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भारतीय जनता पार्टी से जुड़े छात्र संघ के नेताओं ने एक मांग पत्र सौंप दिया है. इस मांग पत्र में छात्र संघ चुनाव की बहाली की पुरजोर मांग की गई है.
डिप्टी सीएम को जो मांगपत्र सौंपा गया है उसमें बीजेपी से जुड़े तमाम छात्र संघ अध्यक्ष और महामंत्रियों के हस्ताक्षर हैं. डिप्टी सीएम के जरिए बीजेपी ने अब छात्र संघ चुनाव की बहाली की मांग करते हुए एक और चाल चल दी है. बीजेपी ने दरअसल पहले डिप्टी सीएम के कानपुर आगमन पर पूर्व छात्र सम्मेलन का आयोजन किया और उसके बाद बड़ी ही प्लानिंग के तहत छात्र संघ चुनावों का मुद्दा छेड़ दिया.
बीजेपी ने चला छात्रसंघ वाला दांव
बीजेपी के वरिष्ठ नेता, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष और आर्य नगर विधान सभा से बीजेपी प्रत्याशी रहे सुरेश अवस्थी की माने छात्र संघ राजनीति की नर्सरी माना जाता है. सभी बड़े दलों के नेता छात्र संघ राजनीति करने के बाद ही एक मुकाम हासिल कर पाए. लोहिया जी, अटल जी और खुद उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक इसकी मिसाल हैं, इसलिए उनसे छात्र संघ चुनाव की बहाली के लिए आग्रह किया गया है.
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी बड़े ही शातिराना अंदाज में बीजेपी के इस मुद्दे से बचकर निकलना चाहती है. सपा नेताओं का कहना है कि अब वो बीजेपी की सजाई पिच पर खेलने को तैयार नहीं. सपा नेता इस पर हमलावर रुख अपनाते हुए उल्टी बात कह रहे हैं. उनका कहना है कि छात्र संघ राजनीति को लेकर अगर बात की जाए तो बीजेपी के छात्र संघ से पनपे नेताओं ने जो प्रस्ताव डिप्टी सीएम को दिया है, ऐसा लगता नहीं कि बृजेश पाठक इस मामले में कुछ कर पाने की स्थिति में है. शहर भर में केवल अमिताभ बाजपेई ही छात्र संघ की उपज है. यही नहीं छात्र संघ के सभी नेता अमिताभ बाजपेई के साथ है. असली छात्र संघ के नेता और उनकी ताकत लगातार समाजवादी पार्टी के साथ है.
बीजेपी ने निकाय चुनाव में चला बड़ा दांव
इस बीच जानकारों की माने तो बीजेपी किसी भी तरह से अपने जनाधार में अभूतपूर्व वृद्धि करना चाहती है. इसे अब तक अछूते माने जाने वाले मुस्लिमों के लिए पार्टी की बदली सोच से समझा जा सकता है तो वहीं अब बीजेपी मुलायम सिंह यादव की रणनीति पर चलकर और छात्र संघ चुनावों के मुद्दे को लेकर अपने जनाधार को और कुनबे को बढ़ाने के लिए भी तैयारी कर चुकी है. जानकर बता रहे हैं कि स्थानीय स्तर पर बीजेपी नेताओं की इस रणनीति को लेकर सपा सतर्क है शायद इसीलिए सपा नेताओं के द्वारा इस मुद्दे पर हमलावर रुख अपनाया गया है.
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