UP Nikay Chunav 2023: कासगंज नगर पालिका परिषद पर मुकाबला महिला प्रत्याशियों के बीच है. बीजेपी से बागी हुईं महिला प्रत्याशी शशिलता चौहान ने यहां एक नारा देकर इस जंग को दिलचस्प बना दिया है. शशि लता चौहान ने शहर की जनता के सामने अपना नारा बुलंद करते हुए पूछा है कि इस शहर की जनता को चेयरमैन चाहिए या प्रतिनिधि चेयरमैन. प्रतिनिधि का मुद्दा इसलिए उठाया गया है, अक्सर देखा जाता है कि महिला सीट पर कोई भी राजनीतिक व्यक्ति अपनी पत्नी या किसी भी रिश्तेदार को चुनाव लड़ा कर उन्हें सीट पर आसीन करा देते हैं, लेकिन किसी भी संस्था का संचालन यह महिला अध्यक्ष खुद ना करके उनके पति या कोई अन्य व्यक्ति प्रतिनिधि के तौर पर किसी भी नगर निकाय या जिला पंचायत या ग्राम पंचायत का संचालन करते हैं लेकिन कासगंज में भाजपा की बागी प्रत्याशी ने इस मुद्दे को उठाकर विरोधी खेमे में हलचल मचा दी है.


क्या है पूरा मामला?


कासगंज जनपद की कासगंज नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए 11 मई को मतदान होना है इस मतदान से पहले सभी प्रत्याशियों ने अपना प्रचार पूरे जोर-शोर के साथ किया और अंतिम चरण में इस प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी है. कासगंज नगर पालिका परिषद के चुनाव में इस बार यह सीट महिला कोटे के लिए आरक्षित है और यहां बीजेपी की ओर से मीना माहेश्वरी को प्रत्याशी बनाया है.


समाजवादी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी की बागी और निर्दलीय प्रत्याशी शशिलता चौहान को अपना समर्थन दिया है, कांग्रेस ने सोनवती कश्यप को मैदान में उतारा है, वहीं कासगंज की निवर्तमान चेयरमैन रजनी साहू भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में लड़ रहे हैं. लेकिन बीजेपी से बागी हुई शशिलता चौहान ने कासगंज नगर पालिका परिषद के चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. 


डॉ. शशिलता तीन बार रह चुकीं हैं नगर पालिका अध्यक्ष


डॉ. शशिलता चौहान ने कासगंज की जनता के बीच एक नारा मुद्दे में बदल दिया है, इन्होंने ने जनता के बीच एक सवाल दागा है कि आपको चेयरमैन चाहिए या फिर चेयरमैन प्रतिनिधि. इस सवाल ने विरोधी खेमे में हलचल मचा दी है यह सवाल विरोधियों में इसलिए हलचल मचा रहा है क्योंकि शशिलता चौहान सभी प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा शिक्षित प्रत्याशी और पीएचडी धारक हैं. यही नहीं राजनीतिक तौर पर वह खुद पिछले 40 साल से सक्रिय भूमिका में हैं. डॉ. शशिलता चौहान कासगंज नगर पालिका परिषद से कांग्रेस के टिकट पर तीन बार 1990, 1995 और 2000 में अध्यक्ष चुनी जा चुकी हैं.


शशि लता चौहान सवाल करती हैं कि जो महिला प्रत्याशी मैदान में हैं, अगर वह जीतती हैं तो उनके प्रतिनिधि नगरपालिका चलाएंगे लेकिन वह अकेली महिला प्रत्याशी हैं जो नगर पर संचालन को खुद करती हैं और उन्होंने शहर का विकास भी कराया है उन्होंने अपने 13 साल के कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों का भी हवाला दिया है.


डॉ शशीलता चौहान का बयान


बीजेपी ने कासगंज नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए कासगंज नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेंद्र बौहरे की पत्नी मीना माहेश्वरी पर दांव लगाया है और उन्हें टिकट देकर मैदान में उतारा है. दरअसल मीना माहेश्वरी एक ग्रहणी है और अब राजनीतिक तौर पर वे पहली बार मैदान में है इससे पहले 2006 से लेकर 2012 तक उनके पति राजेंद्र बौहरे कासगंज के चेयरमैन रहे थे, मीना माहेश्वरी राजनीतिक महिला के तौर पर पहली बार सामने आई हैं. 


बीजेपी प्रत्याशी मीना माहेश्वरी का बयान


मीना माहेश्वरी ने शशिलता चौहान के सवाल के बारे में जवाब देते हुए कहा है कि पार्टी ने उन पर भरोसा जताया है और जनता उन्हें जीता कर कासगंज नगर पालिका परिषद का चेयरमैन बनाकर भेजेगी तो वे निश्चित तौर पर कासगंज नगर पालिका में बतौर चेयरमैन स्वयं ही काम करेंगे उन्हें प्रतिनिधि की आवश्यकता नहीं होगी.


निर्दलीय प्रत्याशी एवं निवर्तमान चेयरमैन रजनी साहू का बयान


इस मुद्दे के बारे में जब हाल ही में चेयरमैन रहीं रजनी साहू से सवाल किया गया तो रजनी साहू ने शशि लता के मुद्दे पर खुलकर जवाब दिया और कहा कि पिछले 5 साल पहले जनता ने मुझे चुन कर भेजा था और मैने नगर पालिका को चलाया है और इस बार भी जनता अगर मुझे चुनकर भेजती है तो नगरपालिका को चलाऊंगी और विकास कार्य भी कर आऊंगी रजनी साहू अपने 5 साल के कार्यकाल में हुए विकास को भी जमकर सर आते हुए इस चुनाव में जीत का दावा कर रही है और खुद को सक्षम महिला प्रत्याशी के तौर पर पेश कर रही हैं


भाजपा की बागी प्रत्याशी शशिलता चौहान के मुद्दे ने कासगंज की जनता का ध्यान अपनी ओर आकर्षित तो किया है और यह मुद्दा कासगंज में चर्चा का विषय भी है. महिला शक्ति के इस रण में प्रत्येक महिला प्रत्याशी खुद को सक्षम और योग्य दावेदार साबित करने के लिए जनता के बीच अपनी योजनाएं और घोषणा पत्र लेकर भी पहुंच रहीं हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किसको कासगंज नगर पालिका परिषद का अध्यक्ष चुनती है और जिसे चुनेगी क्या वह वाकई अध्यक्ष के तौर पर काम करेगा या फिर उसका कोई प्रतिनिधि होगा.


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