UP Nagar Nikay Chunav 2023: समाजवादी पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले इटावा जनपद में नगर पालिका व नगर पंचायतों की 6 सीटें हैं. जैसे ही यहां सपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी की, अध्यक्ष पद की आस लगाए पुराने कार्यकर्ताओ की नाराजगी खुलकर सामने आ गई. ये नाराजगी इतनी बड़ी थी कि उन्होंने पार्टी तक छोड़ने का एलान कर दिया. भरथना नगर पालिका अध्यक्ष के लिए सालों से तैयारी कर रहे वरिष्ठ नेता मनोज पोरवाल ने सपा को नमस्कार कह दिया और बसपा में शामिल होकर चुनाव का एलान कर दिया. 


शहर इटावा में नगर पालिका परिषद का चुनाव हॉट चुनाव माना जाता है, सपा ने यहां पर इदरीश अंसारी की पुत्रवधू को अध्यक्ष पद के लिए टिकट दिया, तो लंबे समय से टिकट की आस लगाए पूर्व चेयरमैन और वरिष्ठ सपा नेता जहीर अहमद अंसारी ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया, अभी उन्होंने ये नहीं बताया कि कहां जाना है, लेकिन पार्टी में बगावत अब साफ दिखने लगी है. 


इटावा में कई नेताओं ने की सपा से बगावत


सपा की बगावत यहीं खत्म नहीं होती है. भरथना नगर पालिका में विपिन यादव भी अध्यक्ष पद के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन उन्हें भी टिकट नहीं मिला तो उन्होंने भी पार्टी छोड़ने का एलान कर दिया. विपिन यादव, शिवपाल सिंह यादव के करीबी बताए जाते हैं. दूसरे दौर में इटावा में होने वाले नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव जो बगावत सामने आ रही है, उससे ये साफ है कि यहां पर सपा का समीकरण गड़बड़ा सकता है. इससे पहले एक और कद्दावर नेता कुलदीप गुप्ता (संटू) जो नगर पालिका इटावा के पूर्व अध्यक्ष रहे है, वो भी विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से पार्टी से अलग हो गए थे और बीएसपी से चुनाव लड़कर सपा कैंडिडेट को हरवा दिया था. 


कुलदीप गुप्ता को इस बार भी उम्मीद थी कि पार्टी में वापस किया जायगा और अध्यक्ष पद का चुनाव लड़वाया जाएगा, लेकिन सपा ने जिस तरह दूसरे प्रत्याशी को टिकट दे दिया है और एक साथ इतने बगावती सामने आ गए है, ये सपा के लिए बहुत बड़े खतरे की घंटी है, नगर पालिका और नगर पंचायत के इस चुनाव में सपा के गढ़ में ये बगावत कहीं ना कहीं सपा के समीकरणों को खराब करने का काम जरूर कर सकती हैं. 


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