UP Nikay Chunav 2023: फिर से टल सकते हैं यूपी निकाय चुनाव! सपा ने लगाया आरक्षण में गड़बड़ी का आरोप, जानें- पूरा मामला?
UP Nagar Nikay Chunav 2023: समाजवादी पार्टी ने नगर निकाय चुनाव में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण से कम सीटें देने पर निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय में अपनी आपत्तियां दाखिल की हैं.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने यूपी नगर निकाय चुनाव (UP Nikay Chunav) में आरक्षण (Reservation) में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है. सपा का कहना है कि निकाय चुनाव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति (SC/ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण से कम सीटें दी गई हैं. जिसे लेकर पार्टी की ओर से स्थानीय निकाय निदेशालय में आपत्ति दाखिल की गई है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने नगर निकाय चुनाव में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण से कम सीटें देने पर निदेशक स्थानीय निकाय निदेशालय अपनी आपत्तियां दाखिल की हैं. इस दौरान उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता के के श्रीवास्तव भी मौजूद रहे. सपा ने 30 मार्च को जारी आरक्षण सूची में कई खामियों का जिक्र करते हुए चुनाव में कम सीटें आरक्षित करने का विवरण दिया है और नियमों में हुई अनियमितताओं में संशोधन की मांग की है.
निकाय चुनाव में आरक्षण पर सपा की आपत्ति
सपा ने आपत्तियों की जो सूची दी है उसमें नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कुल 544 में जिला बलरामपुर, कानपुर नगर, ललितपुर में एससी, एसटी और पिछड़ा वर्ग को एक भी सीट आरक्षित नही की गई है. इसी तरह जिला अमेठी, अमरोहा, बलरामपुर, बिजनौर, चन्दौली, गाजियाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, रामपुर, श्रावस्ती, वाराणसी में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है. जिला बलरामपुर, चित्रकूट, इटावा, हापुड, कानपुर नगर, ललितपुर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है. इनमें पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण मिलना चाहिए लेकिन कई जिलों में कम आरक्षण मिला.
सपा ने लगाया कम सीटें देने का आरोप
सपा के मुताबिक नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के कुल पद 199 में अनुसूचित जनजाति को एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई. नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद में बस्ती एवं देवीपाटन मण्डल में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गयी है. वहीं ओबीसी को 27 फीसद आरक्षण मिलना चाहिए था कई जिलों में आरक्षण कम मिला है. इसी तरह महापौर पद के लिए कुल 17 पदों में एससी के लिए 21 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 3.57 सीटें आरक्षित होनी चाहिए जबकि घोषित आरक्षण में केवल 2 अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं. ओबीसी को 4.59 सीटे आरक्षित होनी चाहिए जबकि घोषित आरक्षण में केवल 4 सीटे ही दी गई हैं.
महिला आरक्षण में हुई गड़बड़ी
सपा का आरोप है कि एससी महिलाओं को भी आरक्षण देने में नियमों की अनदेखी हुई है. नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के 199 पदों 24 सीटें एससी के लिए आरक्षित हैं जिनमें महिलाओं को 16 पद आरक्षित कर 66 फीसदी भागीदारी दी है जबकि ये 33 फीसद होना चाहिए. इसी तरह नगर पंचायत में अध्यक्ष के 544 पदों में ओबीसी को 147 पद आरक्षित किये गए है, जिनमें ओबीसी महिलाओं को 76 पद आरक्षित कर 51 फीसदी भागीदारी दी है.
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के लिए 199 पदों के सापेक्ष अन्य पिछड़ा वर्ग को 53 सीटें आरक्षित की गईं है जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग महिलाओं को आरक्षण नियमावली के विपरीत 23 पद आरक्षित कर 56 फीसदी भागीदारी दी गई जबकि ये 33 फीसद होना चाहिए. सपा की ओर से के.के. श्रीवास्तव, सर्वेश अम्बेडकर, डॉ0 हरिश्चन्द्र सिंह, राधेश्याम सिंह ने नगर निकाय सम्बंधी आपपत्तियों पर चर्चा की
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