UP Nagar Nikay Chunav 2023: एटा नगर निकाय चुनावों में बागियों ने बीजेपी (BJP) की मुसीबतें बढ़ा दी है. टिकट कटने से नाराज 10 में से 6 निकाय अध्यक्ष के चुनावों में बीजेपी बनाम बीजेपी का घमासान साफ दिखाई दे रहा है. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) से लेकर प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, एटा सांसद राजवीर सिंह, एटा के प्रभारी मंत्री केपी मलिक तक ने इन विद्रोही उम्मदवारों पर कार्यवाही की बात कही थी, बावजूद इसके वो बीजेपी के खिलाफ ही ताल ठोंक रहे हैं. इनमें से कई तो ऐसे हैं जो बीजेपी प्रत्याशियों की हराने की स्थिति में भी हैं. 


एटा जहां भाजपा अपना परचम लहराने की पूरी कोशिश कर रही है वहीं बीजेपी के बागियों के मैदान में उतरने से पार्टी में जमकर भितरघात हो रहा है. कुछ सीटों पर सीधे सीधे बीजेपी के खिलाफ बीजेपी के कार्यकर्ता चुनाव मैदान में हैं और कुछ सीटों पर बीजेपी के कार्यकर्ता टिकट वितरण से असंतुष्ट होने के कारण बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशी का विरोध कर निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को स्पोर्ट कर बीजेपी को हराने  का काम कर रहे हैं. इस श्रेणी में एटा और अलीगंज नगर पालिका परिषद सबसे ऊपर हैं. जहां एटा नगर पालिका की बीजेपी प्रत्याशी सुधा गुप्ता और अलीगंज नगर पालिका की प्रत्याशी सुनीता गुप्ता को उनकी ही पार्टी के नेता जी जान से हराने में जुटे हैं. 


बागियों ने बढ़ाया बीजेपी नेतृत्व का सिरदर्द


बीजेपी भी इस खतरे को समझती है. यही वजह है कि प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने स्थानीय सांसदों, विधायकों की ड्यूटी लगाकर बागियों को मनाने के निर्देश दिए थे, लेकिन एटा में इसका असर दिखाई नहीं दे रहा है. बीजेपी को इसकी पहले ही आशंका थी, इसी वजह से टिकट की घोषणा करने आखिरी वक्त तक इंतजार किया गया. लेकिन जैसे ही बीजेपी ने सूची जारी की वैसे ही टिकट के प्रबल दावेदार खुलकर विरोध में आ गए. एटा में नगर पंचायत जलेसर, अवागढ़, जैथरा और राजा का रामपुर में टिकट कटने के बाद कई बागियों ने निर्दलीय नामांकन भरकर बीजेपी को मुश्किल में डाल दिया है. 


जलेसर से इंदुबाला कुशवाह को बीजेपी का प्रत्याशी बनाते ही बीजेपी से टिकट मांग रहे संजीव वर्मा की पत्नी गौरी वर्मा और राकेश कुमार की पत्नी राज कुमारी ने नामांकन कर दिया. दोनों बीजेपी को यहां कड़ी टक्कर दे रही हैं. सकीट टाउन एरिया में भी बागी बीजेपी प्रत्याशी शकुंतला देवी को हराने में लगे हैं.  यहां तो बीजेपी का टिकट मांग रही रियाज बानो ने सपा से नामांकन कर दिया था, लेकिन बाद में इन्होंने पर्चा वापस कर लिया और अब बीजेपी को हराने के लिये बसपा की मानवी यादव को सपोर्ट कर रही हैं. 


कई सीटों पर निर्दलीय ठोंक रहे हैं ताल
अवागढ़ में बीजेपी से टिकट मांग रहे मुन्ना लाल गुप्ता ने टिकट काटने पर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन कर दिया और अब वो बीजेपी के महेश पाल सिंह को टक्कर दे रहे हैं. राजा का रामपुर में भाजपा उम्मीदवार रेखा के खिलाफ बीजेपी से बागी हुई सुनीता ने नामांकन किया है. जैथरा नगर पंचायत पर बीजेपी प्रत्याशी बिजेंद्र सिंह के खिलाफ बीजेपी के ही विवेक गुप्ता ने निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं.


 कमोवेश यही बीजेपी बनाम बीजेपी की स्थिति एटा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में हैं. हालांकि यहां सीधे-सीधे बीजेपी के विद्रोही उम्मीदवार के तौर पर किसी ने नामांकन नहीं किया है. यहां बीजेपी से टिकट मांग वैश्य और ब्राह्मण वर्ग के दावेदारों में असंतोष है और वे अंदर ही अंदर बीजेपी प्रत्याशी सुधा गुप्ता की मुखालफत कर रहे हैं. क्षत्रिय समाज उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से नाराज है. यहीं वजह है कि बीजेपी प्रत्याशी के नामांकन में लाख कोशिशों के बाद भी क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष और नेता नहीं पहुंचे.


बीजेपी को चुनाव में हो सकता है नुकसान


एटा में बीजेपी बनाम बीजेपी की स्थिति को देखते  हुए चुनाव प्रचार के लिये एटा पहुंचे यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी बीजेपी के भितरघात पर चिंता जताई थी और कहा था जो बीजेपी कार्यकर्ता बीजेपी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ लड़ रहे हैं वो बीजेपी के विरोधी हैं. वहीं बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा ने भी विद्रोही प्रत्याशियों व रूठे कार्यकर्ताओं के घर जाकर उनको मनाने की कोशिश भी की, लेकिन कोई असर नहीं हुआ. जाहिर है इसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ सकता है. अब ऐसे कार्यकर्ताओं की सूची बनाई जा रही है, जिन पर कार्रवाई की जा सकती है. 


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