UP Nikay Chunav 2023: इटावा में महिलाओं के नाम पर पत्नी-बहू को टिकट, बीजेपी, सपा, बसपा सबका यही हाल, महिला विंग निराश
UP Nikay Chunav 2023: इटावा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद की सीट महिला आरक्षित होने के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों की महिला मोर्चा की नेत्रियों ने टिकट के लिए बड़ी संख्या में दावेदारी की थी.
UP Nagar Nikay Chunav 2023: यूपी के इटावा (Etawah) नगर पालिका परिषद में महिला सीट होने पर किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपनी पार्टी की महिला नेताओं पर भरोसा नहीं जताया, सभी बड़े राजनीतिक दल भाजपा (BJP), सपा (SP), बसपा (BSP), ने अपने पुरुष नेताओं के नाम पर घर की महिला सदस्यों को टिकट दिया है. ऐसे में इन दलों की महिला विंग बेमानी साबित हो रही है. टिकट न मिलने से मायूस महिला मोर्चा की नेताओं में निराशा है. उनका कहना है कि टिकट नहीं मिलने की वजह से उन्हें दुख है लेकिन पार्टी के प्रति आस्था चलते काम तो करना है. हमारा मनोबल गिरा हुआ है.
इटावा नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद की सीट महिला आरक्षित होने के बाद सभी राजनीतिक पार्टियों की महिला मोर्चा की नेत्रियों ने टिकट के लिए बड़ी संख्या में दावेदारी की थी, लेकिन जब टिकट की घोषणा हुई तो सपा, भाजपा, बसपा, कांग्रेस, जैसे कोई भी दल रहे हों उन्होंने अपनी पार्टी की महिला नेताओं पर नहीं भरोसा नहीं जताया बल्कि पार्टी के बड़े नेताओं की पत्नियों, बहुओं को टिकट दे दिया. इन दलों ने पुरुष नेताओं के चेहरे पर अनुभवहीन महिलाओं को तरजीह दी.
बीजेपी ने पूर्व विधायक की पत्नी को दिया टिकट
शुरुआती बीजेपी से करें तो पार्टी ने इस बार पूर्व विधायक स्वर्गीय अशोक दुबे की पत्नी कुसुम दुबे को टिकट दिया. ये टिकट शहर में बड़ी संख्या में ब्राह्मण वोटर को साधने के लिए दिया गया, लेकिन इससे बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष बिरला शाक्य निराशा जताई है. उन्होंने कहा कि "मैं 2015 से बीजेपी की सक्रिय सदस्य हूं, वर्तमान में बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष हूं. हम लोग भूखे प्यासे होने के बाद भी घर पर अपने छोटे-छोटे बच्चों को छोड़ कर आते हैं और पार्टी के लिए काम करते हैं उसके बाद भी पार्टी अगर टिकट नहीं देती है तो कहीं ना कहीं निराशा जरूर होती है, उन्होंने कहा कि शायद कोई कमी होगी इसलिए टिकट नहीं मिल पाया. लेकिन अब हम उन्हें चुनाव जिताने में जी जान से जुटे हैं.
इस मामले पर बीजेपी जिलाध्यक्ष संजीव राजपूत ने कहा कि हमारी पार्टी में महिला मोर्चा की मंडल स्तर पर आठ महिलाओं की टीम होती है. वहीं जिले स्तर पर 20 महिला प्रमुख होती हैं. महिला विंग की जिलाध्यक्ष बिरला शाक्य के साथ 250 से 300 महिलाएं भाजपा के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी महिला विंग में भले ही कोई मेहनती अच्छी महिला भले ही टिकट पाने के योग्य हो, लेकिन अगर वो सामाजिक समीकरण में फिट नहीं बैठ रही है तो टिकट देने में दिक्कत होती है और भी कई वजहें होती हैं.
सपा महिला विंग में भी नाराजगी
समाजवादी पार्टी की बात करें तो सपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष लीलावती राजपूत जो कि पिछले 20 सालों से पार्टी से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि हम महिलाओं के साथ आंदोलन करती हैं, धर्म प्रदर्शन करती है अगर हम चुनाव लड़ने के इच्छुक है तो पार्टियों को हमें भी टिकट देना चाहिए. हमने टिकट के लिए दावेदारी की थी लेकिन टिकट नहीं मिल पाया. अब आगे भी प्रयास करती रहूंगी. हम महिला नेताओं को आगे लाना चाहिए. चाहे बीजेपी हो या सपा. हमें भी बराबर मौका मिलना चाहिए. अगर ये टिकट नहीं दे सकते तो इन दलों को अपनी महिला विंग बंद कर देनी चाहिए.
इस मामले पर सपा जिलाध्यक्ष गोपाल यादव ने कहा कि चुनाव के लिए कई समीकरण देखने पढ़ते हैं. हमारी प्रत्याशी खुद निकलकर वोटों की अपील कर रही है. हमारी प्रत्याशी ज्योति गुप्ता जब चेयरमैन बनेगी तो वह अपने फैसले लेने में खुद सक्षम होंगी. हमारी प्रत्याशी पढ़ी-लिखी शिक्षित है. सारी बातों को अच्छी तरह से समझती हैं.
बसपा ने भी इदरीश अंसारी की बहू को दिया टिकट
बसपा ने इस बार इटावा में गुलनाज को अपना प्रत्याशी बनाया है जो शिवपाल यादव के करीबी इदरीश अंसारी की बहू हैं. पूर्व में गुलनाज को सपा ने प्रत्याशी घोषित किया था लेकिन टिकट काट दिया, जिसके बाद बसपा ने इदरीश अंसारी के चेहरे पर उनकी बहू को टिकट दे दिया.
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